Pratapgarh: गेहूं की बोआई करने के लिए किसान तलाश रहे डीएपी और यूरिया
समितियों को भेजी गई डीएपी
प्रतापगढ़: जिले की साधन सहकारी समितियों पर प्रशासन की ओर से 2800 मीट्रिक टन डीएपी की खेप भेजी जा चुकी है, इसके बाद भी किसानों में डीएपी को लेकर हाहाकार मचा है. किसानों को डीएपी जरूरत के हिसाब से नहीं मिल पा रही है. यही नहीं समितियों पर एक-एक बोरी डीएपी मिलने से भी किसान संतुष्ट नहीं हैं. नतीजा डीएपी और यूरिया के लिए हर दिन समितियों पर किसान हंगामा कर रहे हैं.
जिले के किसानों को आलू, मटर, चना व सरसो की बोआई करने के लिए प्रशासन की ओर से अब तक साधन सहकारी समितियों पर 2800 मीट्रिक टन डीएपी और 1800 मीट्रिक टन एनपीके दो शिफ्ट में भेजी जा चुकी है. इसी तरह समितियों पर अब तक 18 हजार मीट्रिक टन यूरिया की खेप पहुंचाई जा चुकी है. जिम्मेदार अफसरों का दावा है कि जिले में उर्वरक की खपत के सापेक्ष डीएपी, एनपीके और यूरिया समय-समय पर उपलब्ध कराई जा रही है. इसके बाद भी समितियों पर किसान उर्वरक के लिए होड़ करते हुए हंगामा कर रहे हैं. नतीजा उर्वरक वितरण के लिए साधन सहकारी समितियों पर इलाकाई पुलिस तैनात कर दिया गया है.
किसानबही देखकर रकबे के मुताबिक दे रहे डीएपी :साधन सहकारी समितियों पर किसान बही में दर्ज खेत का रकबा देखकर उर्वरक वितरित कराई जा रही है. नतीजा अधिकतर किसानों को एक से दो बोरी डीएपी ही मिल पा रही है. समिति के सचिवों की मानें तो इसी बात को लेकर किसान आए दिन हंगामा करने लगते हैं. हालांकि पुलिस की मौजूदगी के कारण किसानों की मनमानी नहीं चल पा रही है.
समितियों पर डीएपी, यूरिया उपलब्ध होने का दावा : जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार के मुताबिक वर्तमान में जिले की सभी साधन सहकारी समितियों पर डीएपी, एनपीके और यूरिया उपलब्ध है. समितियों के सचिव को पुलिस की मौजूदगी में उर्वरक वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं. किसानों को उनकी आवश्यकता के सापेक्ष उर्वरक उपलब्ध कराई जा रही है.
किसानों की डिमांड के सापेक्ष जिले में उर्वरक की उपलब्धता है. किसान समितियों से जरूरत के मुताबिक उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं. शीघ्र ही जिले में डीएपी की रैक आने वाली है. अशोक कुमार, जिला कृषि अधिकारी