421 औद्योगिक इकाइयों पर प्रदूषण, 12 दिसंबर तक बंद रखने के निर्देश
गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की मार अब 421 औद्योगिक इकाई पर भी पड़ गई है।
गाजियाबाद: गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की मार अब 421 औद्योगिक इकाई पर भी पड़ गई है। क्योंकि एनसीआर गुणवत्ता आयोग के चेयरमैन ने पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन से संचालित किए जाने वाली 421 इकाई पर 12 दिसंबर तक रोक लगा दी है। लेकिन इस कार्रवाई के बाद औद्योगिक संगठनों से जुड़े लोगों ने इस बात को लेकर बेहद नाराजगी जाहिर की है। औद्योगिक संगठन से जुड़े लोगों का मानना है कि अभी लॉकडाउन के बाद से औद्योगिक इकाई उबर भी नहीं पाई थीं और अब प्रदूषण को नियंत्रण किए जाने के नाम पर औद्योगिक इकाईयों को बंद किया जा रहा है। अपनी बात रखने के लिए औद्योगिक संगठन के लोगों ने अब एनसीआर कमीशन गुणवत्ता आयोग से समय मांगा है।
421 औद्योगिक इकाइयों पर प्रदूषण की मार
गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रण किए जाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा तो कई तरह की कार्रवाई की ही जा रही है। वहीं एनसीआर कमीशन गुणवत्ता आयोग के चेयरमैन ने भी बढ़ते प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से एनसीआर के उन सभी उद्योगों के संचालन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। जो बिना पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन से संचालित किए जा रहे थे।ऐसे सभी उद्योगों को महज सप्ताह में 5 दिन और दिन में केवल 8 घंटे संचालन के आदेश 4 दिन पहले ही जारी किए थे। लेकिन अब 421 ऐसे उद्योगों को 12 दिसंबर तक पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। जो पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन से संचालित किए जा रहे हैं।
कार्रवाई से औद्योगिक संगठनों में नाराजगी
लेकिन औद्योगिक इकाई से जुड़े लोगों में इस बात को लेकर बेहद नाराजगी है।इस पर उत्तर प्रदेश के इंडस्ट्रियल फेडरेशन के चेयरमैन अशोक चौधरी का कहना है कि पीएनजी के अलावा अन्य ईंधन से संचालित इकाइयों को पीएनजी में कन्वर्ट करने का भी अवसर दिया जाए। उनका कहना है कि एक ईंधन से दूसरे में बदलाव करने पर खर्च भी बढ़ेगा और बड़ी दुविधा यह है कि गैस अन्य ईंधन की तरह काम कर भी पाएगी या नहीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश उद्योग के संयुक्त आयुक्त वीरेंद्र कुमार का कहा कि इससे काफी औद्योगिक इकाइयों पर असर पड़ा है। इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामला भेजने के साथ ही उनसे वार्ता की जा रही है। उधर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के महासचिव राजीव अरोड़ा का कहना है कि पीएनजी के अलावा प्रमाणित ईंधन से ही प्रदूषण विभाग की अनुमति लेकर ही उद्योगों को संचालित किया जा रहा है। उसके बाद भी औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं जो उचित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयां लॉक डाउन की मार से भी अभी नहीं उबर पाए हैं और अब इकाई बंद होने के बाद दोबारा से उनके सामने ऐसी ही स्थिति आ खड़ी हुई है। इसलिए अपनी बात रखने के लिए एनसीआर कमीशन गुणवत्ता से समय लिया है।