कानपुर देहात अग्निकांड पर राजनीति गरमाई, SP विधायक अमिताभ बाजपेयी नजरबंद
कानपूर: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में हुए दर्दनाक अग्निकांड मामले में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को नजरबंद किया गया है. उनके घर के बाहर कई थानों की पुलिस लगाई गई है, ताकि वह घटनास्थल पर न जा सकें. दूसरी ओर सपा ने इस मामले में 11 सदस्यों की टीम का गठन किया है जो कि कानपुर मामले पर पार्टी कार्यालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने मृतका के बेटों को न्याय दिलाने के लिए मांग पत्र भी सौंपेगी.
पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सपा ने जो 11 सदस्यों की टीम का गठन किया है, पार्टी ने मनोज पांडे मुख्य सचेतक विधानमंडल दल विधानसभा व अमिताभ बाजपेई, विनोद चतुर्वेदी, प्रदीप यादव, मोहम्मद हसन रूमी की अध्यक्षता में बनाया है. इसके साथ ही सपा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन के सामने मांग पत्र रखेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेगी, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके.
सपा ने पीड़ितों को 5 करोड़ का मुआवजा देने की मांग की है. इसी के साथ घर के दो सदस्यों की सरकारी नौकरी और परिवार को आजीवन पेंशन देने के साथ ही मृतका के दोनों बेटों को सरकार की तरफ से आवास दिए जाने की मांग भी रखी है.
बता दें कि कानपुर देहात के एक गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की आग से जलकर मौत हो गई. मृतका के बेटे का आरोप है कि जब महिलाएं अंदर थीं, तो पुलिस वालों ने झोपड़ी में आग लगा दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों ने खुद को आग लगाई. हालांकि इस मामले में एसडीएम समेत 40 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले में 11 नामजद और बाकी अज्ञात लोगों को आरोपी मानते हुए धारा 302, 307, 436, 429, 323, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है.
एफआईआर दर्ज होने के बाद एसडीएम मैंथा को पद से हटा दिया गया है, उन्हें मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है. रूरा थाने में दर्ज किए गए इस मुकदमे में एसडीएम मैंथा-ज्ञानेश्वर प्रसाद, प्रभारी निरीक्षक थाना रूरा-दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा कानूनगो, 3 अन्य लेखपाल, अशोक दीक्षित, अनिल दिक्षित, निर्मल दिक्षित, विशाल और जेसीबी ड्राइवर को भी नामजद आरोपी बनाया गया है