पुलिसवालों ने लावारिस लाशों के अन्तिम संस्कार में इस साल सरकार से महज 23 हजार रुपये ही लिए

लिस वालों ने कराया शवों का अंतिम संस्कार, नहीं लिया पैसा

Update: 2024-04-13 07:11 GMT

झाँसी: लावारिस लाशों के अन्तिम संस्कार में इस साल पुलिसवालों ने सरकार से महज 23 हजार रुपये ही लिए. बाकी पैसे या तो उन्होंने अपने जेब से खर्च किए या फिर नए सिरे से डिमांड किया है. आने वाले बजट में अब उनका इसका हिसाब-किताब किया जाएगा. लावारिश लाशों के अन्तिम संस्कार के लिए सरकार से प्रति लाश के हिसाब से 3400 रुपये मिलते हैं. हालांकि यह बढ़ोत्तरी साल पहले ही हुई है उससे पहले महज 1500 रुपये ही दिए जाते थे.

दरअसल, कोराना काल में लावारिस लाश मिलने की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आ रही थीं. शव की पहचान तो दूर उसके करीब जाने से भी लोग परहेज कर रहे थे. शव के अन्तिम संस्कार की प्रक्रिया में पुलिसवालों के पैसे खर्च हो रहे थे. तब सरकार की तरफ से महज 1500 रुपये ही शव के अन्तिम संस्कार कराने के बदले मिल रहे थे. महंगाई के हिसाब से यह नाकाफी था. जितना पैसा अन्तिम संस्कार के लिए मिल रहा था उतना शव को पोस्टमार्टम हाउस और फिर वहां से घाट पर ले जाने में ही खर्च हो जा रहा था.

इस दिक्कत को देखते हुए 2021 में सरकार ने इसका बजट बढ़ाकर 3400 रुपये कर दिया. इससे जेब से पैसा खर्च होने की गुंजाइश करीब-करीब खत्म हो गई. उसके बाद भी पुलिसवालों द्वारा डिमांड की रफ्तार काफी कम रही. 2022-23 में ही सबसे ज्यादा डिमांड हुई और 2 लाख से ज्यादा का भुगतान भी हुआ लेकिन 2023-24 में फिर डिमांड कम हो गई. सूत्रों के मुताबिक 21 अज्ञात शव के अन्तिम संस्कार का बीते वित्तीय वर्ष में पुलिसवालों ने डिमांड किया था. तब तक इस मद में बजट 23 हजार रुपये ही बचे थे लिहाजा पूरा पैसा नहीं मिल पाया. बाकी पैसे के लिए अब बजट की अलग से डिमांड की गई.

डिमांड पर ही मिलती है रकम पैसा पाने के लिए जिस थाने से शव का अन्तिम संस्कार किया गया है वहां से आवेदन करना होता है. इस आवेदन के हिसाब से ही अकाउंट विभाग बजट की मांग करता है और फिर बजट मिलने पर इसका भुगतान किया जाता है. इसमें कई बार काफी समय लग जाता है. इसलिए काफी पुलिस वाले डिमांड ही नहीं करते हैं और बजट नहीं आता फिर पैसा भी नहीं मिलता है.

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