फाइनेंसर संग पुलिस वाले चला रहे गिरोह

Update: 2023-03-31 14:16 GMT

कानपूर न्यूज़: पुलिस कर्मी फाइनेंसर के साथ मिलकर गिरोह चला रहे हैं. चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद खुलासा हुआ. चौंकाने वाली बात है कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाला भी पुलिस कर्मी है. जिसने फाइनेंसर समेत एक अन्य पुलिस वाले के खिलाफ नामजद एफआईआर 6 फरवरी 2023 को दर्ज कराई है. अधिकारी गुपचुप जांच भी करा रहे हैं और दो दरोगा की भूमिका भी संदिग्ध है. यूपी-112 में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश चंद्र ने गाड़ी खरीदने के लिए वर्ष 2020 में एसबीआई से 11.50 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया था. उनके मुताबिक साथ में तैनात चालक सिपाही गोविंद सिंह ने पीड़ित को जानकारी दी कि उसका एक फाइनेंस मित्र अजीत चौहान सस्ती दरों में फाइनेंस करा देगा. कम कीमत पर फाइनेंस कराने की जिम्मेदारी गोविंद ने ली. हेड कांस्टेबल सुरेश के मुताबिक गोविंद ने अजीत से मिलवाया. उसने 5.59 लाख नकद और 3. 90 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए. 16 महीने तक अजीत सिर्फ तारीख देता रहा मगर कार नहीं मिली और न ही पैसा वापस हुआ. सुरेश के मुताबिक 19 जनवरी 2022 को वह पूर्व डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के सामने पेश हुआ और घटना बताई. डीसीपी ने क्राइम ब्रांच में तैनात दरोगा पुनीत तोमर को मामले की जांच सौंपी.

एसआई और सुरेश समेत अन्य पुलिस कर्मी गोविंद के ट्रैफिक पुलिस लाइन स्थित आवास पर पहुंचे और वहां से एक गाड़ी और एक बाइक क्राइम ब्रांच कार्यालय पर खड़ी कर ली.

एसआई बोले-गोविंद का नाम हटाओ नहीं तो रिपोर्ट नहीं सुरेश के मुताबिक एसआई पुनीत तोमर ने प्रार्थना पत्र से गोविंद सिंह का नाम हटाने का दबाव बनाया. साथ ही उससे कहा कि इसका नाम नहीं हटा तो रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी. इसके बाद पीड़ित एसआई के साथ गोविंद के गृह जनपद भी गया और वहां से भी यह लोग एक गाड़ी लेकर आए.

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