41 साल बाद बरी हुए पुलिसकर्मी, जाने पूरा मामला

चार गवाहों की मौत हो चुकी है

Update: 2022-05-18 07:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :आगरा के पास शमसाबाद के गांव गढ़ी जहान सिंह में 41 वर्ष पूर्व पुलिस फायरिंग में किसान की हत्या और दो ग्रामीणों को घायल करने के आरोपित दारोगा और दो पुलिसकर्मियों को अदालत गवाहों के मुकरने पर साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश किए।पुलिसकर्मियों पर आरोप था कि उच्च अधिकारियों से अपनी शिकायत पर रंजिश मानते हुए वह गांव पहुंचे थे। वहां से लोगों को जबरन अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रहे थे। मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष एवं एसआइ समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्यारोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपित तत्कालीन थानाध्यक्ष, दारोगा, दो पुलिसकर्मियों और वादी समेत चार गवाहों की मौत हो चुकी है।

घटना तीन अगस्त 1980 की है। शमसाबाद थाने में लज्जाराम ने मुकदमा दर्ज कराया था। वादी के अनुसार उसके चाचा यशपाल सिंह उर्फ विलायती ने थानाध्यक्ष शमसाबाद एवं अन्य के गलत आचरण के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। वादी के चाचा वृंदावन सिंह द्वारा भी शिकायत करने के कारण पुलिसकर्मी उनसे रंजिश मानने लगे।इसी को लेकर तीन अगस्त 1980 की सुबह पांच बजे आरोपित पुलिसकर्मी वादी के चाचा यशपाल उर्फ विलायती को बिना किसी कारण जबरन पकड़कर अपने साथ ले जाने लगे। वादी उसके भाई चरन सिंह और पिता कल्याण सिंह के विरोध करने पर पुलिसवालों ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से उन पर फायरिंग कर दी। पुलिस की गोली लगने से वादी के पिता कल्याण सिंह मौके पर मौत हो गई।
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