शहर में ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाला जुलूस-ए-मुहम्मदी और भगवान बाल्मीकि जयंती पर शोभायात्रा एक ही दिन (9 अक्टूबर को) निकलेंगे. इनका समय भी एक था. इसके चलते प्रशासन और पुलिस के अफसर काफी टेंशन में थे. मगर यह टेंशन दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां और सज्जदनाशीन मुफ्ती अहसन रजा खां उर्फ अहसन मियां ने खत्म कर दी है.
शोभायात्रा के रूट का निरीक्षण किया
उन्होंने जुलूस-ए-मुहम्मदी को लेकर आयोजित बैठक में शोभायात्रा के निकलने के दो घंटे बाद जुलूस-ए-मुहम्मदी का आगाज (शुरू) करने का फैसला लिया है. इससे दो समुदायों के बीच होने वाला टकराव टल गया है. इसके साथ ही दोनों समुदायों के लोग एक दूसरे के जुलूस पर सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए फूलों की बारिश करेंगे. हालांकि, यह फैसला कराने की कोशिश में सीओ फर्स्ट स्वेता यादव काफी दिनों से लगीं थीं. यह फैसला उनकी मेहनत से होने की बात सामने आ रही है. बुधवार को एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया अपने अफसरों के साथ जुलूस-ए-मुहम्मदी और शोभायात्रा के रूट का निरीक्षण किया. उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
जुलूस-ए-मुहम्मदी शाम 6 बजे से
एसएसपी ने बाल्मीकि जयंती के आयोजकों से वार्ता कर शोभा यात्रा को निर्धारित समय 02.00 बजे तक समाप्त करने को कहा.इसके साथ ही जुलूस-ए-मुहम्मदी को शाम 06.00 बजे से शुरू किया जाएगा.उन्होंने शांति/सद्भाव बनाए रखने, असामाजिक/अराजकता फैलाने वाले तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही.इस दौरान एसपी सिटी राहुल भाटी, सीओ फर्स्ट स्वेता यादव, इंस्पेक्टर कोतवाली हिमांशु निगम, इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक भी मौजूद थे.
जुलूस को लेकर बैठक 6 को
शहर के मिलन शादी हाल में जुलूस- ए-मुहम्मदी को लेकर 6 अक्टूबर को एक बैठक होगी. इसमें शामिल होने वाली अंजुमन के साथ ही प्रमुख लोग शामिल होंगे. इसके साथ ही कुछ अहम फैसला होंगे.
न्यूज़ क्रेडिट: prabhatkhabar