जगदीशपुरा जमीन कांड में पुलिस ने कोर्ट में दर्ज कराए बयान
टेहल सिंह पर हुआ था मुकदमा
आगरा: जगदीशपुरा जमीन कांड में एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने थाने में टेहल सिंह के बयान दर्ज किए. उन्होंने उमा देवी को कठघरे में खड़ा किया. वह उस डकैती के मुकदमे में वादी है जिसमें एसओ जितेंद्र कुमार जेल गया था. बाद में पुलिस टेहल सिंह को लेकर कोर्ट पहुंची. वहां उसके कमलबंद बयान दर्ज कराए.
जगदीशपुरा में दस हजार गज जमीन पर कब्जे के लिए दो मुकदमे लिखकर पांच लोग जेल भेजे गए थे. इसमें रवि कुशवाह सहित तीन लोग गांजे में जबकि उसकी पत्नी पूनम और बहन पुष्पा को अपमिश्रित शराब में जेल भेजा था. रातों रात जमीन पर एक पक्ष ने कब्जा लिया था. वहां सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए थे. इसकी शिकायत तत्कालीन डीजीपी से हुई थी. प्रारंभिक जांच में पुलिस फंस गई थी. कथित मालकिन उमा देवी ने डकैती और धोखाधड़ी में मुकदमा लिखाया था. इसमें एसओ जितेंद्र कुमार, पुरुषोत्तम पहलवान, अमित अग्रवाल को जेल भेजा गया था. बिल्डर कमल चौधरी और उनके बेटे धीरू चौधरी को हाईकोर्ट से राहत मिली थी. उमा देवी ने मुकदमा लिखाते समय खुद को टेहल सिंह के बेटे जसवीर की विधवा बहू बताया था. रवि कुशवाह पक्ष को जमीन का केयर टेकर बताया था.
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि टेहल सिंह जिंदा है. जसवीर उसका बेटा नहीं साला है. इससे इतना तो साफ हो गया है कि उमा देवी की जमीन पर नीयत खराब थी. उसे बहू बनाकर फर्जी वारिस बनवाया गया था. टेहल सिंह से पुलिस ने लंबी बातचीत की थी. अपने बयानों में उसने कहा कि दीनानाथ कुशवाह को केयर टेकर बनाया था. रवि कुशवाह को नहीं जानता. उमा से कभी नहीं मिला. उसने जमीन वर्ष 16 में बेच दी थी. जिसे बेची उसे भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला था. एसीपी ने बताया कि टेहल सिंह पहले कागजों में मृत था अब जिंदा है. इसलिए उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए हैं.
टेहल सिंह पर हुआ था मुकदमा
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि टेहल सिंह के खिलाफ वर्ष 16 में शाहगंज थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था. मैनपुरी के व्यक्ति को जमीन का बैनामा करने से पहले टेहल सिंह ने किसी और से भी एग्रीमेंट किया था. उसने धोखाधड़ी का मुकदमा लिखाया था. टेहल सिंह उसमें मुख्य आरोपित है. पुराने मुकदमे का रिकार्ड निकलवाया जा रहा है.