कानपुर: कानपुर देहात में घटित घटना के बाद मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे सपा विधायक और उनके सहयोगियों को हाइवे से हिरासत में ले लिया गया है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
कानपुर देहात के मैथा तहसील के रूरा थाना क्षेत्र में स्थित मड़ौली गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाने गई टीम की लापरवाही के चलते मां प्रमिला और उसकी बेटी नेहा की आग की चपेट में आने से जान चली गई थी। इस मामले को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है।
पार्टी के आलाकमान ने मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय दल को कानपुर देहात के रुरा जाने के निर्देश दिए हैं। दल में मुख्य सचेतक मनोज पांडे के नेतृत्व में विधायक अभिताभ बाजपेई, विनोद चतुर्वेदी, प्रदीप यादव, मो. हसन रुमी, पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाह, कमलेश दिवाकर, प्रमोद यादव, वेद व्यास निराला, बलवान उर्फ मुन्ना व प्रवीण यादव शामिल थे। यह लोग पीड़ित से मिलकर प्रकरण की जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे।
पार्टी के निर्देश पर विधायक अमिताभ बाजपेई, हसन रूमी, पूर्व पार्षद हरिओम पाण्डेय सहित कई पार्टी के पदाधिकारी कानपुर देहात के लिए निकले। सचेंडी हाइवे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जब वे धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे तो पुलिस ने विधायक सहित सभी को हिरासत में लेकर राजकीय विद्यालय में ले गए।
सपा दल के कानपुर देहात जाने की जानकारी होते ही पुलिस सुबह ही विधायक अमिताभ बाजपेई के घर पर डेरा डाल है। घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। इसके अलावा पुलिस के अधिकारी विधायक को अपने नजरों के सामने ही रखे हैं कि कही चकमा देकर वो कानपुर देहात के लिए रवाना न हो जाए।