अपना गुनाह छिपाने पुलिस ने चार बार बदलवाई तहरीर

Update: 2023-04-08 14:45 GMT

आगरा न्यूज़: जगनेर कांड में महिला की खुदकुशी के बाद जगनेर थाने में फिरौती के लिए अपहरण, मारपीट, जान से मारने की धमकी और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की धारा के तहत मुकदमा लिखा गया है. मुकदमे की भाषा वैसी ही है जैसी पुलिस अधिकारी चाहते थे.

पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए चार बार तहरीर फाड़ी गई. बताया गया कि क्या लिखना है. जिस तहरीर पर मुकदमा लिखा गया उसमें चौकी पर मारपीट, वर्दीधारियों द्वारा अपहरण करने की बात का जिक्र तक नहीं है. जबकि पीड़ित के वायरल वीडियो में पुलिस कर्मियों का जिक्र है. पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया गया.

जगनेर के गांव नौनी में मनोज शर्मा को अवैध हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री दी गई थी. पति के एनकाउंटर की सूचना पर पत्नी अनीता शर्मा ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी. इस मामले में एक दरोगा और तीन सिपाही निलंबित किए गए थे. पुलिस ने मनोज शर्मा की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया. इसमें रवि पचौरी और काकी परमार नामजद हैं. तीन-चार अज्ञात लोगों का जिक्र है.

मनोज पर हर तरीके से बनाया दबाव मुकदमा जिस तहरीर पर लिखा गया उसमें पुलिस के ऊपर कोई आरोप नहीं है. लिखा गया है कि अपहरण करने वाले खुद को पुलिसकर्मी बता रहे थे. जबकि सोशल मीडिया पर वायरल मनोज शर्मा के वीडियो में आरोप कुछ और ही हैं. उनमें चार पुलिसकर्मी दोषी है. पुलिस कर्मियों ने ही प्राइवेट कार से अपहरण किया था. चौकी में बंधकर बनाकर पीटा. मनोज ने शुरू में दी तहरीर में यही आरोप लगाए थे. इस पर मुकदमा लिखा जाता तो पुलिसकर्मी फंस जाते. उन्हें जेल जाने से बचाना था, इसलिए मनोज पर हर तरीके से दबाव बनाया गया.

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