मेरठ: सिविल लाइन क्षेत्र सूरजकुंड रोड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर में दूर दराज से आये साधु संतों को पुलिस ने न केवल धमकाया बल्कि उन्हें भोजन करने से भी वंचित कर दिया। पुलिस मंदिर में घुसकर भगवा साधु संतों को जबरन लाठी फटकार कर वहां से भगा दिया। उन्हें डरा धमकाकर जेल में डालने की धमकी देकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने से रोक दिया।
पुलिस की इस बर्बरता कार्रवाई को लेकर साधु संतों में भारी उबाल है। साधु संतों ने पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कई राज्यों के जिलों में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वहीं, इन्हीं भगवाधरियों ने पुलिस व प्रशासनिक अफसरों द्वारा भूमाफिया से मिलकर मंदिर पर कब्जा करवाने की साजिश का आरोप लगाया।
सोमवार पांच फरवरी की शाम को हरिद्वार और गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, नेपाल, अयोध्या, कुरुक्षेत्र सहित कई अन्य शहरों से सूरजकुंड रोड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर में करीब 100 की संख्या में साधु संत पहुंचे थे। एक जनवरी की रात को मंदिर में भूमाफियाओं द्वारा महामंडलेश्वर गुरुमाता नीलिमा नंद जी सहित साधु और अन्य भक्ताजनों पर र्इंटों से कातिलाना हमला किया गया था।
हमलावरों ने मंदिर में बने हवनकुंड को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया था। पूरी घटना पुलिस के सामने हुई और पुलिस ने ही एक साधु रमन गिरी महाराज को जेल में डाल दिया था। अपने साधु पर हमला होने और बाबा मनोहर नाथ मंदिर पर भूमाफियाओं के कब्जे की योजना का पता चलते ही तमाम साधु संत पांच फरवरी को पहुंचना शुरु हो गये थे। सोमवार छह फरवरी को मंदिर में साधु संतों का समागम चल रहा था।
पूजा-अर्चना उपरांत उनके भोजन कराने की व्यवस्था चल रही थी। तभी सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरासिया और एसीएम कई थानों की पुलिस फोर्स लेकर मंदिर पहुचे और वहां उपस्थित साधु संतों को धमकाना शुरु कर दिया। पुलिस ने जबरन लाठी फटकार को सभी साधुओं को जेल भेजने की धमकियां देते हुए मंदिर से भगाना शुरु कर दिया। साधु संतों ओर मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने विरोध जताया तो सभी को लाठी फटकार का मंदिर से खदेड़ दिया। पुलिस ने सभी साधु संतों को भोजन भी नहीं करने दिया और एक बस में बैठाकर वहां से चलता कर दिया।
विश्व हिन्दू जागरण मंच अभियान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आंदोलन की दी चेतावनी: राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत श्री सुमेर गिरी महाराज पाहवा गढ़ गुजरात ने कहा कि पुलिस प्रशासन के खिलाफ 18 राज्यों के 200 जिलों में आंदोलन होगा। मैंने स्थानीय विधायक अमित अ्रग्रवाल से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मंदिर में इनका कुछ नहीं है। मैंने यहां आकर देखा कि एक साधु संत पर हमला कर उसे जेल में डाल दिया गया है। उसी घटना वीडियो मैंने देखा तो मैं यहां आया था। जिस राज्य का एक मुख्यमंत्री भगवाधारी हो जो सात साल पहले रोकर यह कह चुका हो कि एक संत का संरक्षण नहीं मिल रहा है।
उसी योगी जी के स्टेट में यहां का जो लोकल प्रशासन है और जो भूमाफियाओं के इशारे पर संतों के साथ जो घटना हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रत्येक जिले के कलेक्टर के माध्यम ये मोदी ,योगी को ज्ञापन दिया जायेगा। संतो को ंभोजन तक नहीं करने दिया गया। वहीं, इस संबंध में हिन्दू नेता सचिन सिरोही ने बताया कि मनोहर नाथ मंदिर में सोमवार को बाहर से आये साधु संतों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा किया गये अपमान की मैं घोर निन्दा करता हूं। मंदिर समिति व मंदिर पुजारीगण व मंदिर की देखरेख करने वाले सभी लोगों की ओर से पूरे प्रकरण को प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा।
मंदिर में भूमाफियाओं का कब्जा किसी भी सूरत में होने नहीं दिया जायेगा। शारदा रोड पर पहले भी एक पुराना हनुमान मंदिर में महंगी जमीन होने के कारण वहां पर भी मंदिर को बेचा गया। मंदिर को तोड़कर वहां पर भी कर्मिशियल दुकानों का निर्माण कर दिया गया। प्रशासन सभी मंदिरों की सूची उपलब्ध कराये और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जो हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थलों को बेचने चाहते हैं। ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी के नाम भूमाफियाओं ओर साधु संतों पर हुई कार्रवाई को लेकर शिकायत की है। सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरासिया व एसीएम सिविल लाइन पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं। दोनों अधिकारियों पर मंदिर को कब्जा करवाने का आरोप लगाया गया है।