पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सोनू यादव की हत्या में तीन को गिरफ्तार किया
पुलिस लाइन स्थित सभागार में जानकारी दी
वाराणसी: नाथूपुर डगरा (मंडुवाडीह) निवासी हिस्ट्रीशीटर सोनू यादव की हत्या में पुलिस ने भुल्लनपुर निवासी सुनील पटेल, अभिषेक पटेल उर्फ कल्लू, अजीत पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. डीसीपी वरुणा जोन श्याम नारायण सिंह, एडीसीपी वरुणा सरवणन टी., एसीपी रोहनिया संजीव कुमार शर्मा ने पुलिस लाइन स्थित सभागार में जानकारी दी. बताया कि बुजुर्ग बलवंत पटेल को सोनू ने पीट दिया था, बदला लेने के लिए बलवंत के बेटों और भतीजों ने गोलबंद होकर उसकी हत्या कर दी.
बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में बलवंत पटेल का पुत्र सुनील कुमार पटेल उर्फ बाबू, भतीजे अभिषेक पटेल उर्फ कल्लू और अजीत कुमार पटेल हैं. आरोपियों के पास से 9 एमएम की पिस्टल और दो कारतूस बरामद हुआ. बताया कि नाथूपुर रेलवे क्रॉसिंग के निकट देसी शराब की दुकान के सामने भुल्लनपुर निवासी बलवंत पटेल चखना की दुकान लगाता है. 21 की रात बलवंत को सोनू यादव ने शराब दुकान के सामने ही पीट दिया था. इसपर बलवंत के बेटे और भतीजे गोलबंद होकर पहुंचे और सोनू की हत्या कर दी. आरोपी छविनाथ, रवि उर्फ वीरू, आनंद उर्फ गोलू की अभी तलाश है.
गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक भरत उपाध्याय, क्राइम ब्रांच प्रभारी मनीष मिश्रा, एसआई सत्य प्रकाश यादव, पवन यादव, चंद्रशेखर यादव, हेड कांस्टेबल सुनील राय, शक्ति सिंह, शत्रुघ्न सिंह, सुरेश सरोज, क्राइम ब्रांच के हेड कांस्टेबल ब्रह्मदेव सिंह, चंद्रभान यादव, पवन तिवारी, संतोष थे. सीपी ने पुलिस टीम को हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की.
पहले से वर्चस्व की लड़ाई, गंभीर नहीं हुई थी पुलिस
सोनू यादव और नामजद आरोपी रवि उर्फ वीरू पटेल दोनों ही हिस्ट्रीशीटर हैं. क्षेत्र में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए दोनों में अक्सर विवाद होता रहता था, मारपीट होती रहती थी. पुलिस इन घटनाओं को लेकर गंभीर नहीं हुई. जबकि हर माह हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने से लेकर उनके आय-व्यय का हर ब्योरा रखना होता है. आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता पर गुंडा एक्ट में निरुद्ध कर कार्रवाई का निर्देश है, हालांकि पुलिस ऐसे मामलों को नजरअंदाज करती है.
गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद 9 एमएम की पिस्टल के बारे में पूछे जाने पर मंडुवाडीह थाने के प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि अपराधी हैं तो असलहा रखेंगे ही. महकमे के आलाधिकारियों की मौजूदगी में थानाप्रभारी का यह जवाब चौंकाने वाला था. प्रतिबंधित बोर (9 एमएम) का असलहा किससे और कहां से खरीदा गया इसकी तस्दीक थानाप्रभारी ने जरूरी नहीं समझी. पिस्टल खरीद कहां से खरीदी गई, इस सवाल का इंस्पेक्टर कोई जबाव नहीं दे सके. गंभीर मामले की जांच में ऐसी लापरवाही डीसीपी व अन्य अधिकारियों को भी खटकी.
जबकि गिरफ्तार सुनील पटेल पर पहले से दर्ज तीन मुकदमों में पहला और दूसरा केस ही आर्म्स एक्ट में ही दर्ज हुआ था.