मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नगर के वार्ड न. 7 में रहने वाले एक कलयुगी बेटे ने अपनी 65 वर्षीय विधवा मां की हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी दीपक ने आसपास के लोगों समेत रिश्तेदारों को बताया कि मां घर से लापता हो गईं। आरोपी ने रिश्तेदारों के साथ कोतवाली थाने में मां की गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पुलिस को बेटे पर शक हुआ तो उससे पूछताछ की गई। जिसके बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बताया जा रहा है कि आरोपी दीपक मृतका का सगा बेटा नहीं है, वह उसे दो साल की उम्र में अनाथ आश्रम से लाई थी।
इस हत्याकांड के पीछे की वजह पैसों को माना जा रहा है। बताया गया कि आरोपी दीपक जेब खर्च के लिए विधवा मां से पैसे मागता था। पैसे नहीं देने पर वह मां को जान से मारने की धमकी भी देता था। पुलिस सूत्रों की मानें तो घटना को अंजाम देने में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इन सबके अलग, अगर दीपक पर गौर किया जाए तो वह मेघावी छात्रवृत्ति प्राप्त कर चुका है। 12वीं की परीक्षा में उसने 89 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
जानकारी के अनुसार शहर के रेलवे कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय भुवनेन्द्र पचौरी और उनकी पत्नी ऊषा देवी के कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने अनाथ आश्रम से एक बच्चे को गोद लिया था। उस समय आरोपी दीपक दो साल का था, तब से वह मां-बाप के साथ रह रहा था। 2015 में भुवनेंद्र सेवानिवृत्त हो गए और 2016 में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। इसके बाद से आरोपी दीपक और ऊषा साथ रह रहे थे। लेकिन, मां बेटे के बीच कम बनती थी। इसलिए, दीपक दिल्ली चला गया था, तीन-चार दिन पहले वह दिल्ली से आया था।
छह मई की सुबह आरोपी ने बेटे ने विधवा मां को मौत के घाट उतारकर सीढ़ियों के नीचे बने बाथरूम में गड्ढा खोदकर दफना दिया। मां की हत्या करने के बाद बेटे ने रिश्तेदारों को सूचना दी कि मां कहीं लापता हो गई है। महिला के रिश्तेदारों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस की पूछताछ में आरोपी दीपक ने मां की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने मृतक के घर जाकर घटना स्थल का मौका मुआयना किया, लेकिन शव नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने आरोपी बेटे से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पुलिस को पूरा सच बताया। जिसके बाद पुलिस ने बाथरूम में गड्ढा खोदकर शव बरामद किया।