प्रतापगढ़: वन विभाग पौधरोपण के नाम पर किस तरह खानापूरी कर रहा है इसकी बानगी सदर रेंज के गड़ई चकदेइया में हुआ पौधरोपण दे रहा है. यहां पौधों की देखरेख तो दूर दो बार आग लगने पर भी वन विभाग की टीम नहीं गई. इससे जो पौधे बचे भी थे उनमें से भी काफी पौधे आग की भेंट चढ़ गए.
वन विभाग ने पौधरोपण अभियान के तहत बारिश के महीने में सदर रेंज के गड़ई चकदेइया गांव में तीन हेक्टेयर जमीन पर 4500 पौधे रोपने का दावा किया. रजिस्टर में इन पौधों की सिंचाई, निराई, गुड़ाई आदि के नाम पर बिल लगाकर वन विभाग ने भुगतान भी करा लिया. लेकिन ग्रामीणों की मानें तो पौधे रोपने के बाद वन विभाग का कोई कर्मचारी इधर देखने ही नहीं आया. पौधों के आसपास इतनी घासफूस उग गई आई कि पौधे उसमें छिप गए, किंतु फिर भी निराई गुड़ाई नहीं हुई. ग्राम प्रधान अमित सिंह ने बताया कि पौधरोपण के बाद से अब तक दो बार आग लग चुकी है. इससे काफी पौधे आग की भेंट चढ़ गए. लेकिन वन विभाग की टीम ने अभी तक इसका निरीक्षण भी नहीं किया. जबकि पौधरोपण के बाद यदि आग लगती है तो वन विभाग की टीम आग से हुई क्षति का एरिया चिह्नित कर निशान लगाती है. फिर नुकसान और उसकी भरपाई की एक रिपोर्ट बनाकर डीएफओ को भेजती है. लेकिन विभाग में चल रही चर्चाओं की मानें तो डीएफओ खुद बहुत कम आते हैं इसलिए मातहत भी उदासीन हो गए हैं.
4500 पौधे रोपने के बाद कोई देखभाल नहीं हुई. जो पौधे बचे थे उनमें से काफी पौधे दो बार आग लगने पर जल गए. इस प्लांट की हालत बहुत खराब है. फिलहाल बारिश हो गई तो 100-0 पौधे बच जाएंगे.
-अमित सिंह, ग्राम प्रधान
मौके पर टीम भेजी जाएगी. जो पौधे खराब हो गए होंगे उन्हें बदला जाएगा. फिलहाल गड़ई चकदेइया से न तो कोई सूचना आई है और न किसी ने कोई शिकायत की है.
-महेन्द्र मौर्य, रेंजर सदर, वन विभाग
मजदूरों का भी नहीं किया भुगतान!
गड़ई चकदेइया निवासी राधेश्याम वर्मा के परिवार की राजकुमारी ने बताया कि पौधरोपण में उनसे दो दिन मजदूरी कराई गई. लेकिन बिना मजदूरी दिए चले गए. राजकुमारी का आरोप है कि उसकी तरह लगभग 15 लोगों की मजदूरी दिए बिना वे लोग भाग गए. मजदूर नहीं समझ पा रहे हैं कि मजदूरी मांगने किसके पास जाएं.