139 केन्द्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की योजना, छह माह में होगा कार्य पूरा
कानपुर स्पेशल न्यूज़: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग कानपुर नगर में स्थित 2134 आगनबाड़ी केन्द्रों में से पहले चरण में 139 केन्द्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की योजना को शुरू कर दी है। केन्द्रों को सुदृढ़ करने के लिए छह माह की कार्य योजना तैयार की है। जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में कुल 2134 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। कार्य योजना के तहत पहले चरण में जिले के 139 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक रूप से तैयार किया जाएगा। आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 36 अधिकारियों ने 105 और 13 जनप्रतिनिधियों ने 34 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है। इसी कड़ी में जिले के प्रत्येक ब्लाक में आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जायेगा। योजना के तहत अधिकारियों के सहयोग से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी विशाख जी ने कल्याणपुर ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार ने कल्याणपुर ब्लॉक के ही दो आंगनबाड़ी केन्द्रों और जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप कल्याणपुर ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को ,जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने ब्लॉक बिधनू के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नैपाल सिंह ने ब्लॉक सरसौल के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है।
छह माह में करना है विकसित: डीपीओ ने बताया कि गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को छह माह की समयावधि 30 सितम्बर तक विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा – निर्देश दिया गया हैं। अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे। इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होने कहा कि गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र घोषित कर प्रमाण पत्र दिया जायेगा।