21 गांवों में सिर्फ बैठक और कागजी कार्यवाही में ही अटकी योजना

Update: 2023-08-01 09:47 GMT

इलाहाबाद: विकास खंड चाका अंतर्गत 21 गांवों में भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर स्वच्छ जलापूर्ति करने की योजना अधर में लटकी है.एक दो ग्राम पंचायतों को छोड़ दिया जाए तो अन्य में इसका 10 प्रतिशत कार्य भी नहीं हुआ है.कहीं अभी तक एक दर्जन गांवों में पानी टंकी के लिए जमीन ही नही मिल पाई है.जहां जमीन मिली भी है तो वहां नही श्री गणेश नही हो सका.चाका ब्लॉक के 21 गांवों के लोगों से बात की गई तो पता चला कि अभी तक सिर्फ मीटिंग और कागजी कार्यवाही की गई.धरातल पर हर घर योजना का दूर दूर तक नामो निशान नही है.अभी भी लोगों को पेय जल के लिए हैंडपम्प, तालाब, कुएं और दूसरों के घर लगे सबमर्सिबल से पानी लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है।

चाका ब्लाक के बोंगी गांव में रहने वाले संजय ने बताया कि उनके घर के पास से पाइप लाइन बिछी है लेकिन अभी तक पानी की सप्लाई नही शुरू हुई.बोंगी गांव के प्रधानप्रतिनिधि विशम्भरनाथ ने बताया कि छोटी बोंगी के पास पानी टंकी के लिए जमीन देख ली गई है, लेकिन अभी कार्य शुरू नही हो सका है.बागबान गांव में पाइपलाइन का अधिकांश कार्य हो गया है, लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नही हुई.यहां के लोगो की सबसे बड़ी समस्या गंदे पानी की सप्लाई की है.दिन में एक मीटिंग पानी आता भी था, लेकिन छह महीने से वह भी नही आ रहा है।

कहीं पाइप लाइन ़फटी है तो कहीं लोग प्रधान के घर से जलापूर्ति के लिए लाइन लगाकर रोजाना पानी भरते है.चंपतपुर गाँव मे पुरानी पाइप लाइन ही बिछी है.गांव में पहुंचने के लिए भड़रा से आने पर पूरन के ईंट भह्वे के पीछे टंकी के लिए जमीन मिल गई, लेकिन कार्य शूरू नही हो सका।

हरिहरपुर ग्राम पंचायत में गांव में ही जमीन मिल गई और लेखपाल द्वारा नाप भी कर ली गई, लेकिन उसके बाद कार्य की कोई प्रगति नही हो सकी.मुरादपुर गांव के लोगों का इस योजना से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है।

उभारी गांव के कटरा मजरा में जमीन मिल गई है और वहां बोरिंग का कार्य शुरू हो गया है.ब्लाक अंतर्गत आने वाले पालपुर और सरंगापुर में 2014 से संयुक्त रूप से जलापूर्ति हो रही है,लेकिन पालपुर में कुछ स्थानों पर अभी भी पानी नही पहुंच रहा है.प्रधान नियाज अहमद भी टंकी के लिए विधायक समेंत उच्चाधिकारों को पत्र लिख चुके हैं.छरिबना गांव बोरिंग तो हो रही है,लेकिन पाइप लाइन नही बिछ सकी है.यही हाल तिलखपुर, हथिगन, पिपरांव का है जो इस योजना की बांट जोह रहे हैं।

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