जनता से रिश्ता वेबडेस्क : राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की बढ़ती हुई आबादी को देखते हुए उन्हें शहरी क्षेत्रों का दर्जा दे रही है। एक लाख से अधिक आबादी होने पर नगर पंचायतों को पालिका परिषद और 20 हजार से अधिक ग्रामीण आबादी होने पर ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाया जा रहा है। इसका मकसद इन क्षेत्रों में रहने वालों के जीवन स्तार में सुधार लाने के साथ ही इन्हें रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराना भी है। मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में विकास के लिए 520 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई है।
कमेटी की देखरेख में होगा कामजिलों को विकसित करने योजना हुई तैयार
नए नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने व काम कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय इसका सदस्य सचिव होगा। अधिशासी अधिकारी के साथ इसें सात सदस्य होंगे। इसी तरह नगर निगम वाले क्षेत्रों में नगर आयुक्त अध्यक्ष होगा और अपर नगर आयुक्त सदस्य सचिव। इसमें भी सात सदस्य होंगे।
ये सुविधाएं देंगे
- सड़क व इंटरलाकिंग मार्ग
- नाला-नाली का निर्माण कराएंगे
- पार्क- हरित क्षेत्र विकसित करेंगे
- सामुदायिक केंद्र व कल्याण मंडप
- मुख्य व्यापारिक क्षेत्र का विकास
- चौराहों का विकास व सौंदर्यीकरण
- स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बनाएंगे
शहर देखने लायक होगा
- डा. एपीजे अब्दुल कलाम योजना से स्ट्रीट लाइट
- सीवरेज व जल निकासी की व्यवस्था कराएंगे
- कान्हा गौशाला व बेसहारा पशु आश्रय स्थल होंगे
- शहरी क्षेत्रों में अंत्येष्टि स्थल का विकास कराएंगे
- मलिन बस्तियों में रहने वालों का जीवन स्तर सुधारेंगे
source-hindustan