कैंट क्षेत्र में सीमेंट से भर दिए गए सड़कों के गड्ढे, बजट की आस में टकटकी लगाए बैठे अधिकारी
मेरठ न्यूज़: आखिर कैंट की सड़कों के लिए बजट कब जारी होगा? कैंट की सड़कें सर्वाधिक खराब है। इनके गड्ढे भी सीमेंट से भर दे गए हैं। यह भी उबड़ खाबड़ है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कैंट की सड़कें नई नहीं बनेगी? इन सड़कों के लिए कब बजट जारी होगा? कैंट की माल रोड खराब है। जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बाकी कैंट की सड़कों की तो हालत इससे भी और बुरी है। पहले कैंट बोर्ड में अधिकारियों ने कहा था कि बारिश के बाद सड़कों का नव निर्माण किया जाएगा, लेकिन बरसात भी बीत गई और फिलहाल सर्द मौसम शुरू हो गया है। सड़क निर्माण के लिए यह मौसम उपयुक्त माना जाता है, लेकिन इसके बाद भी कैंट बोर्ड के अधिकारी सड़कों का निर्माण नहीं करा रहे हैं, जिसके चलते सड़कों पर चलने में लोगों को दिक्कत पैदा हो रही है, लेकिन इससे कैंट बोर्ड के अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि लंबे समय से सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और लोग परेशानी में है। फिर भी कैंट बोर्ड के अधिकारी कोई ध्यान क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने की दिशा में नहीं लगा रहे हैं। पहले दिन से ही कैंट बोर्ड के अधिकारी सड़कों के लिए बजट नहीं होने का रोना रो रहे हैं। आखिर सड़कों की मरम्मत से ही काम चलने वाला नहीं है।
सड़क कब बनेगी ? यह कुछ भी कैंट बोर्ड के अधिकारी बताने को तैयार नहीं है। आखिर आबादी क्षेत्र में तो जगह-जगह से सड़क क्षतिग्रस्त पड़ी है। उनको भी नए सिरे से निर्माण नहीं किया जा रहा है। आखिर इस पूरी लापरवाही के लिए किसकी जवाबदेही बनती हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं, जिसके खिलाफ कार्रवाई होगी? जवाबदेही तो तय करनी होगी, तभी कुछ समाधान संभव हो सकता है।
पीडब्ल्यूडी की भी सड़कों की हालत खराब: पीडब्ल्यूडी की सड़कों के गड्ढे अभी भी भरे नहीं है। एक तरह से देखा जाए तो पीडब्लूडी विभाग गड्ढे भरने कि दिशा में पिछड़ रहा है। कौन जिम्मेदार है? इसके लिए पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नरेंद्र हाल ही में मेरठ दौरा करके गए हैं। इसके बावजूद भी सड़कों की दशा नहीं सुधर रही हैं। आखिर सड़कों का नव निर्माण कब किया जाएगा या फिर इसी तरह से गड्ढों वाली सड़कों से ही जनता गुजरती रहेगी। इसको लेकर पीडब्लयूडी के अधिकारी कब गंभीर होंगे? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 नवंबर को मेरठ आ रहे हैं। इस दौरान सीएम ने किसी सड़क का दौरा कर लिया तो क्या हाल होगा? इसमें किसकी जिम्मेदारी तय करनी होगी। मुख्यमंत्री का खौफ भी अफसरों पर नहीं दिख रहा हैं। मुख्यमंत्री के आगमन से पहले तमाम सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाता था, लेकिन यहां तो खौफ भी लगता है खत्म हो गया हैं, तभी तो गड्ढों को नहीं भरा जा रहा हैं।