मेरठ। एक सप्ताह के भीतर एटीएस और एनआईए की टीम ने एक बार फिर से पीएफआई की कमर तोड़ने के लिए छापेमार कार्रवाई की। छापेमार कार्रवाई के बार पीएफआई एजेंट भूमिगत हो गए हैं। मेरठ के अलावा ये छापेमार कार्रवाई देश के करीब 11 राज्यों में की गई है। पश्चिमी उप्र में मेरठ मंडल के गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में छापेमार कार्रवाई के दौरान 33 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। वहीं मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव हर्रा से पीएफआई के सक्रिय एजेंट को गिरफ्तार किया है। जबकि खरखौदा थाना क्षेत्र के काशीराम आवासीय योजना में एनआईए और एटीएस की छापेमारी के दौरान पीएफआई का सदस्य फरार हो गया। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है।
गौरतलब है कि मेरठ सहित पश्चिमी उप्र में जो छापेमार कार्रवाई की गई वो सभी मोबाइल फोन की लोकेशन मिलने के बाद ही हुई। लेकिन इसके बाद भी सक्रिय सदस्य टीम के चंगुल से निकल गया। वहीं पीएफआई का सक्रिय सदस्य मुनीर अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। शामली से एनआईए और एटीएस की टीम ने चार संदिग्ध लोगों को उठाया है। बता दें कि थाना खरखौदा से पीएफआई के चार सदस्यों को कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह पर हिरासत में लिया था। इन्हीं से पूछताछ के बाद एटीएस और एनआईए की टीम ने ये बड़ी कार्रवाई की है। कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव मामौर व पावटी कलां में देर रात एटीएस नोएडा और एनआईए ने ताबड़तोड़ दबिश अभियान चलाया। गांव ममूरा से पीएफआई के सक्रिय सदस्य और पिछले सप्ताह एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए मौलाना साजिद के ़भाई मदरसा संचालक मौलाना जाहिद, छोटा भाई साबिर और गांव पावटी कलां से जिला पंचायत सदस्य परवेज के बड़े भाई जाबिर को है।