लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के खिलाफ चल रहे एक आपराधिक मुकदमें को वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका को मंजूर कर लिया है. न्यायालय ने कहा कि जब सरकार और पीड़ित ही केस नहीं चलाना चाहते हैं, तो विचारण केवल व्यर्थ का व्यायाम साबित होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल एक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए पारित किया.आदेश में न्यायालय ने कहा कि जब सरकार और पीड़ित दोनों अभियुक्त के खिलाफ केस नहीं चलाना चाहते हैं, तो विचारण कोर्ट के समय के समय की बर्बादी भर रह जाएगा. सरकार ने रायबरेली की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 14 अक्टूबर 2020 को पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. विशेष अदालत ने यह मुकदमा वापस लेने की अर्जी खारिज कर दी थी.उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में मयंकेश्वर शरण सिंह सपा से व दूसरी तरफ से दिनेश प्रताप सिंह बसपा से चुनावी मैदान में उतरे थे. चुनावी माहौल में दिनेश के एक समर्थक ने मयंकेश्वर व उनके करीब 20 लोगों के खिलाफ रायबरेली के थाना मोहनगंज पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 397, 395, 323, 504, 506 तथा 427 एवं गैंगस्टर एक्ट के तहत FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने विवेचना के बाद आरेाप पत्र प्रेषित कर दिया था. पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कोर्ट ने 13 जुलाई 2009 को संज्ञान लेकर सभी मुल्जिमों को तलब किया था. इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने इस केस को वापस लेने का निर्णय लिया था.