मेरठ: प्रदेश सरकार द्वारा शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना शहर की जनता को दिखाया जा रहा है। शहर की सड़कें अच्छी होंगी, साफ-सफाई व्यवस्था एवं कारोबार के क्षेत्र में भी भरपूर विकास होगा। इसी सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा नगर निगम के चुनाव में जनता से ट्रिपल इंजन सरकार बनाने की अपील की थी।
शहर की जनता ने भाजपा के खाते में महापौर की सीट देने के साथ ही आधे से अधिक वार्ड पार्षद भी भाजपा के विजयी बनाकर निगम के बोर्ड में शामिल करा दिए, लेकिन चुनाव के बाद शहर की जनता भाजपा की निगम में ट्रिपल इंजन सरकार बनाने के बाद खुद को छला-सा महसूस कर रही है।
जहां एक तरफ विकास के नाम पर चाहे उसमें साफ-सफाई व्यवस्था हो या फिर सड़कों की मरम्मत के नाम पर निगम का करोड़ों रुपये प्रतिमाह खर्च कर निगम का खजाना खाली किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में न तो शहर की सड़कों की स्थिति ही ठीक हैं। रात में पथ प्रकाश की व्यवस्था भी बेपटरी चल रही है। वहीं, दूसरी ओर शहर की साफ-सफाई व्यवस्था भी बेपटरी चल रही है।
बरसात के मौसम में सड़कों पर इतना जलभराव हो जाता है कि सड़कें झील में तब्दील हो जाती है। सड़क पर पानी भरने के कारण गड्ढों के दिखाई न देने पर वाहन चालक गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। साफ कहा जा सकता है कि गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। अब जनता को खुद ही जानलेवा गड्ढों से बचने को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। खुद लोग चंदा एकत्रित करके सड़कों में बने गड्ढों को भरने के लिए श्रमदान कर रहे हैं।
उधर, जिन जगहों पर गहरे गड्ढे है, ऐसी कुछ जगहों पर कहीं बांस तो कहीं बल्ली लगाई जा रही है। कुछ जगहों पर टैÑफिक बैरियर खड़ा किया जा रहा है तो कहीं गड्ढों में सीढ़ी खड़ी करके जानलेवा गड्ढों से लोगों की जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह हालात तो तब हैं, जब महापौर हरिकांत अहलूवालिया की गाड़ी के सामने निगम की कूड़े से लदी ट्राली गड्ढे में धंस गई थी।
जिसको लेकर महापौर निगम के अधिकारियों से खासे नाराज हुए। गुरुवार रात गड्ढे में पत्थर रोडी से लदा डंपर धंस गया था, जोकि दो क्रेन व जेसीबी से बमुश्किल डंपर को बाहर निकाला जा सका था। शहर की जनता खुद महापौर हरिकांत अहलूवालिया की सुनवाई निगम के अधिकारियों के सामने न होती देख अब खुद ही बेपरवाह निगम के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए जानलेवा गड्ढों को भरने में जुट गई है।प्रदेश सरकार द्वारा शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना शहर की जनता को दिखाया जा रहा है। शहर की सड़कें अच्छी होंगी, साफ-सफाई व्यवस्था एवं कारोबार के क्षेत्र में भी भरपूर विकास होगा। इसी सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम बढ़ाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा नगर निगम के चुनाव में जनता से ट्रिपल इंजन सरकार बनाने की अपील की थी।
शहर की जनता ने भाजपा के खाते में महापौर की सीट देने के साथ ही आधे से अधिक वार्ड पार्षद भी भाजपा के विजयी बनाकर निगम के बोर्ड में शामिल करा दिए, लेकिन चुनाव के बाद शहर की जनता भाजपा की निगम में ट्रिपल इंजन सरकार बनाने के बाद खुद को छला-सा महसूस कर रही है।
जहां एक तरफ विकास के नाम पर चाहे उसमें साफ-सफाई व्यवस्था हो या फिर सड़कों की मरम्मत के नाम पर निगम का करोड़ों रुपये प्रतिमाह खर्च कर निगम का खजाना खाली किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में न तो शहर की सड़कों की स्थिति ही ठीक हैं। रात में पथ प्रकाश की व्यवस्था भी बेपटरी चल रही है। वहीं, दूसरी ओर शहर की साफ-सफाई व्यवस्था भी बेपटरी चल रही है।
बरसात के मौसम में सड़कों पर इतना जलभराव हो जाता है कि सड़कें झील में तब्दील हो जाती है। सड़क पर पानी भरने के कारण गड्ढों के दिखाई न देने पर वाहन चालक गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। साफ कहा जा सकता है कि गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। अब जनता को खुद ही जानलेवा गड्ढों से बचने को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। खुद लोग चंदा एकत्रित करके सड़कों में बने गड्ढों को भरने के लिए श्रमदान कर रहे हैं।
उधर, जिन जगहों पर गहरे गड्ढे है, ऐसी कुछ जगहों पर कहीं बांस तो कहीं बल्ली लगाई जा रही है। कुछ जगहों पर टैÑफिक बैरियर खड़ा किया जा रहा है तो कहीं गड्ढों में सीढ़ी खड़ी करके जानलेवा गड्ढों से लोगों की जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह हालात तो तब हैं, जब महापौर हरिकांत अहलूवालिया की गाड़ी के सामने निगम की कूड़े से लदी ट्राली गड्ढे में धंस गई थी।
जिसको लेकर महापौर निगम के अधिकारियों से खासे नाराज हुए। गुरुवार रात गड्ढे में पत्थर रोडी से लदा डंपर धंस गया था, जोकि दो क्रेन व जेसीबी से बमुश्किल डंपर को बाहर निकाला जा सका था। शहर की जनता खुद महापौर हरिकांत अहलूवालिया की सुनवाई निगम के अधिकारियों के सामने न होती देख अब खुद ही बेपरवाह निगम के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए जानलेवा गड्ढों को भरने में जुट गई है।