शामली न्यूज़: दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण में कुछ मुद्दों को लेकर खफा चल रहे किसानों से समझौते के लिए बुलाई गई बैठक में एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजय मिश्र नहीं पहुंचें। इस पर किसान नाराज हो गए जिस पर उन्होंने एसडीएम सदर विशु राजा को मांग पत्र सौंपकर मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद भाजू गांव में चल रहे निर्माण कार्य को बंद करा दिया। साथ ही, मिट्टी डाल रहे डंफरों के टायरों की हवा निकाल दी। दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण में कुछ मुद्दों को लेकर किसानों की एनएचएआई के साथ असहमति चल रही है। इसके समाधान के लिए मंगलवार को किसानों के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक बुलाई गई थी जिसमें एनएचएआई बागपत से परियोजना निदेशक संजय मिश्रा पहुंचने थे लेकिन वह नहीं पहुंचे। इससे किसानों में रोष व्याप्त हो गया। फिर, एसडीएम सदर विशु राजा राजा को मांगपत्र सौंपकर मीटिंग का बहिष्कार कर दिया।
इसके साथ-साथ किसानों ने एनएचएआई और प्रशासन को दो टूक कह दिया कि जब तक उनकी समस्याओं का हल नहीं होता तब तक कहीं पर भी निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा। और ना ही किसी किसान की नाली और रास्ते बाधित होने दिए जाएंगे, जो नालियां अवरुद्ध की हुई है उनको भी खुलवाने के लिए किसानों ने कहा है। परियोजना निदेशक संजय मिश्रा के न पहुंचने पर एसडीएम ने एनएचएआई और निर्माण कंपनी के अधिकारियों को कड़े रुख में कहा कि जब तक किसानों की अंडरपास की हाइट, नाली निर्माण और सर्विस रोड का निर्माण नहीं होता, तब तक उन पर निर्माण कार्य शुरू न किया जाए। किसानों ने एसडीएम सदर और कंस्ट्रक्शन कंपनी के टीम लीडर सुरेंद्र दहिया को मांग पत्र सौंपा।
बैठक में मुख्य रूप से संघर्ष समिति के अध्यक्ष ठाकुर वीरसिंह भाकियू के जिलाध्यक्ष कपिल खटियान, विदेश मलिक, योगेंद्र, बिजेंद्र सिंह, जोगिंद्र प्रधान, प्रमोद गुड्डू बनत, सतेंद्र समेत किसान मौजूद रहे। दूसरी ओर, मीटिंग के बाद जब किसानों को सूचना मिली की गांव भाजू में डंपर चक मार्ग को बाधित करते हुए इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण के लिए मिट्टी डाल रहे हैं तो बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल कार्य बंद कराते हुए डंफरों के टायरों की हवा निकाल दी।