दिसंबर-जनवरी माह में आयोजित महापौर कप में खरीदी गई किट का भुगतान फंसा

20 लाख से अधिक बकाया भुगतान के लिए एजेंसियों के संचालकों ने पिछले नगर निगम में हंगामा किया

Update: 2024-05-18 05:37 GMT

इलाहाबाद: बीते दिसंबर-जनवरी माह में आयोजित महापौर कप प्रतियोगिता में ड्रेस, किट और उपकरण सप्लाई करने वाली एजेंसियों का भुगतान फंस गया है. एजेंसियों के संचालक नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं. नगर निगम प्रशासन भुगतान पर कोई आश्वासन नहीं दे रहा है. 20 लाख से अधिक बकाया भुगतान के लिए एजेंसियों के संचालकों ने पिछले नगर निगम में हंगामा किया.

खेल के सामान देने वाली एजेंसियों ने प्रतियोगिता के आयोजन सचिव आशीष द्विवेदी से बकाया मांगा. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आयोजन सचिव ने नगर निगम से भुगतान लेने के लिए कहा तो एजेंसी संचालक बिफर पड़े. भुगतान को लेकर नों पक्ष में नोकझोंक हुई. मौके पर मौजूद कई पार्षदों ने मामला शांत कराया. अब खेल के सामान देने वाली एजेंसियां नगर निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर वि कर रही हैं. एजेंसी संचालक ने बताया कि किट, उपकरण आदि कानूनी प्रक्रिया के तहत दिया गया. आश्वासन दिया गया था कि जनवरी में ही भुगतान कर दिया जाएगा. महीनों से भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं. इस विवाद पर प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी अरविंद राय का कहना है कि को पूरे प्रकरण पर पूछताछ कर जो उचित होगा किया जाएगा. भुगतान रोके जाने के कारण पर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. प्रतियोगिता के आयोजन सचिव ने कहा कि नगर निगम को भुगतान करना चाहिए.

सामानों की ओवर रेटिंग की चर्चा तेज: नगर निगम में चर्चा है कि महापौर कप में मंगाए गए सभी सामानों की ओवर रेटिंग की गई. नगर निगम में पेश किया गया बिल देखने के बाद नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने आपत्ति जताई. इसी वजह से एजेंसियों का भुगतान रोका गया. सूत्रों का कहना है कि प्रतियोगिता में मंगाए गए सामानों की ओवर रेटिंग का संदेह पहले से था. इसी संदेह के चलते क्रीड़ा अधिकारी ने प्रतियोगिता की आयोजन समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था.

बजट में 25 लाख का किया गया था प्रावधान: महापौर कप प्रतियोगिता के लिए नगर निगम के बजट में 25 लाख का प्रावधान किया गया. नगर निगम कार्यकारिणी और सदन ने बजट पास भी कर दिया. इसके बाद भी भुगतान नहीं होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि बजट पास है. नगर निगम के पास पैसा भी है. इसके बावजूद भुगतान नहीं होने का कारण नहीं पता चल पा रहा.

Tags:    

Similar News