बरेली: महिला आरक्षण अधिनियम लागू होने में अभी लंबा वक्त है. ऐसे में 2024 के आम चुनाव इस बात की तस्दीक करेंगे कि कौन सा दल महिलाओं के आरक्षण को लेकर कितना संजीदा है और उसने कितनी महिलाओं को टिकट दिया. महिला आरक्षण का समर्थन करने वाले दलों की परख होगी कि उनकी प्रत्याशी सूची में कितनी महिलाएं हैं. यही नहीं महिला आरक्षण बिल में ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले दल भी इसी कसौटी पर परखे जाएंगे.
अब यह तय है कि मोदी सरकार द्वारा पास कराया गया महिला आरक्षण बिल 2029 के लोकसभा चुनाव से ही लागू हो पाएगा. इसके पहले 2024 के आम चुनाव और 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव बिना महिला आरक्षण के होने की उम्मीद है.
अब बिन आरक्षण कितनी महिलाएं संसद में पहुंच पाएंगी और इससे बड़ी बात यह कि बदले हुए माहौल में महिलाओं को टिकट देने में विभिन्न दल क्या उदारता दिखाएंगे. इन सवालों का पहला जवाब तो आम चुनाव के लिए टिकट वितरण से मिल जाएगा.
भाजपा की सर्वाधिक महिलाएं जीती थीं पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 10 महिलाओं को टिकट दिए तो उसमें 8 महिलाएं सांसद बन गईं. समाजवादी पार्टी ने 6 महिला प्रत्याशी दिए. सारे हार गए. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी दिए. केवल एक प्रत्याशी जीतीं. अपना दल एस की एक प्रत्याशी सांसद बनने में कामयाब रहीं. बसपा के चार महिलाओं को टिकट मिला था. एक को जीत मिली. इस तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी से 11 सांसद चुनी गईं जबकि 2014 में 13 महिलाएं जीती थीं.
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दिए 45 टिकट कांग्रेस ने पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का नारा देते हुए 40 प्रतिशत टिकट( 155) महिलाओं को टिकट दे दिए थे लेकिन पार्टी केवल दो सीटें जीती और उसमें एक महिला थीं. दूसरी ओर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 45 महिलाओं को टिकट दिए और 34 महिलाएं भाजपा के मार्फत विधानसभा पहुंच गईं.
बीते विधानसभा चुनावों में महिलाओं को दिए गए टिकट
चुनाव भाजपा सपा कांग्रेस बसपा रालोद
2022 45 42 155 38 -
2017 46 31 12 21 27
2012 37 44 37 32 02
2007 34 27 36 18 15
2002 31 26 32 15 14