पंकज मित्तल हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति

Update: 2023-02-05 08:18 GMT

दिल्ली: वेस्ट यूपी के मेरठ जिले से दिल को खुश करने वाली एक बड़ी आ रही है। मेरठ के रहने वाले पंकज मित्तल अब देश की सुप्रीम अदालत में न्यायमूर्ति बनाए गए हैं। यह खबर मिलते ही मेरठवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

पंकज मित्तल को वकील कोटे से 7 जुलाई 2006 को एडिशनल जज बनाया गया। उसके बाद 2 जुलाई 2008 को परमानेंट जज बनाया गया। जस्टिस पंकज मित्तल 2021 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में रहे।

दरअसल, पंकज मित्तल राजस्थान हाईकोर्ट में 40वें मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। उन्हें 16 जून 2023 तक के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था। साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायाधीश भी रहे हैं।

जस्टिस पंकज मित्तल का जन्म 17 जून 1961 को मेरठ में अधिवक्ताओं के एक सम्मानित परिवार में हुआ। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा उन्होंने सेंट मैरी एकेडमी से प्राप्त की। बीकॉम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से और विधि स्नातक की डिग्री मेरठ कॉलेज से प्राप्त की है। उनके दादाजी बाबू ब्रजनाथ मित्तल मेरठ के प्रसिद्ध अधिवक्ता व मेरठ कॉलेज के लॉ डिपार्टमेंट के हेड रहे। उनके नाम पर मेरठ कॉलेज के बीएनएम हॉस्टल का नामकरण किया गया।

जस्टिस पंकज मित्तल के ताऊजी रघुवर दयाल मित्तल भी सिविल के नामी अधिवक्ता रहे, जिन्हें दो बार जजशिप का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। उनके पिता नरेंद्र नाथ मित्तल मेरठ के प्रसिद्ध अधिवक्ता रहे। जिला अदालत में प्रैक्टिस करते हुए सन् 1978 में सीधे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के पद पर सुशोभित किया गया था। वे वर्ष 1992 तक न्यायमूर्ति रहे। उनकी चुनिंदा अधिवक्ताओं में गिनती होती है, जो जिले से सीधे न्यायमूर्ति बने।

वर्तमान में जस्टिस पंकज मित्तल के पुत्र विनायक मित्तल चौथी पीढ़ी के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। अब जस्टिस पंकज मित्तल सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे। इस खबर के बाद मेरठ वासियों और अधिवक्ताओं में हर्ष का माहौल है।

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