प्रतापगढ़ न्यूज़: जिले में इस बार एक लाख हेक्टेअर में धान की खेती की जाएगी. शासन से मिले लक्ष्य के बाद कृषि विभाग धान के बीच की उपलब्धता कराने में जुटा है. 6186 हेक्टेअर में धान की नर्सरी डाली जा रही है. तकरीबन 40 फीसदी नर्सरी डाली जा चुकी है. मानसून ने साथ दिया तो इस बार धान की हरियाली सीवन में लहलहाएगी.
सिंचाई के लिए जिले में पर्याप्त नहर व राजकीय के साथ निजी नलकूप होने से खेती-किसानी की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है. पारंपरिक खेती में धान व गेहूं की पैदावार बड़े पैमाने पर की जा रही है. पखवारे भर से धान की खेती करने वाले किसान नर्सरी डालने में लगे हैं. नहरों में पानी न आने की वजह से बहुत से किसानों की नर्सरी पिछड़ रही है तो अधिकतर निजी नलकूप के सहारे नर्सरी को तैयार करने में लगे हैं. शासन ने इस बार धान की खेती के लिए करीब एक लाख हेक्टेअर का लक्ष्य कृषि विभाग को मुहैया कराया है. इसी के साथ ही नर्सरी डालने का लक्ष्य भी 6186 हेक्टेअर निर्धारित किया गया है. गेहूं के बाद खाली पड़े खेत की तैयारी महीने भर पहले हुई बारिश के साथ ही शुरू कर दी गई. खेतों की जोताई कराने के साथ ही किसान खर-पतवार को नष्ट करने में लगे हैं. इसके अलावा नर्सरी डालने का काम भी जिले में तकरीबन 40 फीसदी तक हो चुका है. 6186 हेक्टेअर लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 2500 हेक्टेअर में नर्सरी डाली जा चुकी है. अन्य किसान भी नर्सरी के लिए खेत की तैयारी कर चुके हैं.
राजकीय बीज भंडार पर पहुंचे 715 कुंतल बीज कृषि विभाग के समस्त ब्लॉकों में राजकीय बीज भंडार पर 715 कुंटल धान का बीज उपलब्ध करा दिया गया है. धान मोटा में प्रमाणित बीज 3796 रुपये प्रति व आधारीय बीज 3940 रुपये प्रति कुंतल दिया जा रहा है. इसी तरह धान महीन में प्रमाणित 3824 रुपये व आधारीय बीज 3970 रुपये प्रति कुंतल में किसानों को मुहैया कराया जा रहा है.
इन प्रजाति के बीज की है उपलब्धता: कृषि विभाग की तरफ से सभी ब्लॉक के राजकीय बीज भंडार पर धान की कई प्रजातियों के बीच मुहैया कराए गए हैं. इनमें धान सुआटस 1 एवं प्रमाणित व आधारीय शामिल हैं. प्रमुख प्रजातियों में एमटीयू 7029, सांभा मंसूरी ,नॉटी मंसूरी, बीपीटी 5204, पंत धान 24, एनडीआर 2065 प्रजाति के मुहैया कराए गए हैं. किसान जरूरत के अनुसार इनकी खरीदारी कर रहे हैं.