कानपूर न्यूज़: शहर के प्रमुख मार्गों पर बेखौफ दौड़ रहे ई-रिक्शों की अराजकता सिर चढ़कर बोल रही है. ये दूसरे वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा रहे हैं. इनकी दबंगई का आलम यह है कि तय सवारियों से चार-पांच गुना बैठाते हैं. ई-रिक्शों में चालक समेत चार सवारियां ही वैध हैं, अमूमन आठ और दस सवारियां बैठा रहे हैं. शहर में रजिस्टर्ड ई-रिक्शों से अधिक गैर रजिस्टर्ड दौड़ रहे हैं.
प्रतिबंधित रूटों पर ई-रिक्शे धड़ल्ले से चल रहे पिछले तीन महीनों में परिवहन विभाग ने एक भी ई-रिक्शे का ओवरलोड में चालान नहीं किया है. कमोवेश यह हाल जिला पुलिस का भी है. शहर में चल रहे करीब 58000 ई-रिक्शों में से एक भी वाहन में एमवी एक्ट का पालन नहीं दिखता है. 90 फीसदी वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है. एक भी ई-रिक्शे का परमिट वैध नहीं है. प्रतिबंधित रूटों पर ई-रिक्शे धड़ल्ले से चलते हैं. रात में हेड लाइट नहीं जलाते हैं.
परेड समय दोपहर 0300 बजे
लालइमली की ओर से आए बिना नंबर के ई-रिक्शे में तीन सवारियां आगे तो छह पीछे बैठी थीं. चार महिलाएं परेड पर उतरीं तो चालक ने पांच सवारियां बैठा लीं. चालक तिरछा होकर बैठा और मूलगंज की ओर चला गया.
नरोना चौराहा समय 245 बजे
एक्सप्रेस रोड की ओर से आए ई-रिक्शे ने चौराहे के पास बने मंदिर के सामने ब्रेक लगाया. चार सवारियां बैठीं. सिपाही और होमगार्ड के सामने चार और सवारियां बैठा लीं. इसके बाद पनचक्की चौराहे की ओर चला गया.
ई-रिक्शों के बेतुके चालन से होने वाले हादसे और अराजकता से हर कोई वाकिफ है. इन पर अंकुश लगाने को पुलिस कमिश्नरेट काम कर रहा है. जल्द ही कुछ न कुछ फैसला होगा और इनकी अराजकता पर लगाम लगेगी.
-राजेश सिंह, आरटीओ, कानपुर संभाग