बिजली यूनिट को लेकर व्यापारियों में आक्रोश, चार्ज घटाने की रखी मांग

Update: 2022-11-04 07:32 GMT

मेरठ न्यूज़: बिजली के बिलों को लेकर व्यापारियों में आक्रोश हैं, पहले के मुकाबले दोगुने बिल आ रहे हैं। सरचार्ज भी ज्यादा हैं। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में सरचार्ज कम हैं। उद्यमियों और व्यापारियों को सस्ती बिजली उत्तराखंड और हरियाणा में दी जा रही हैं, लेकिन यूपी में बिजली की महंगाई का करंट व्यापारियों और उद्यमियों को लग रहा हैं। बिजली के बिल सरचार्ज जिस तरह से यूपी में ज्यादा है, उसके बाद उद्यमियों द्वारा चुपचाप यहां से पलायन कर दूसरे राज्यों में औद्योगिक इकाइयां लगाई जा रही हैं, बढ़े बिलों पर अंकुश लगाने की मांग व्यापारियों द्वारा लगातार की जा रही है। पहले से ही काम-धंधे मंदे होने से व्यापारियों की कमर टूटी हुई है इसके बावजूद बिजली विभाग मोटे बिजली बिल भेज रहा है, जिनको लेकर व्यापरियों ने सरकार से बिजली बिलों में कमी करने की बात कही हैं।

पीएल शर्मा व्यापार संघ के पदाधिकारी संजय गोयल का कहना है बिजली के बिल काफी महंगे पड़ रहें हैं। तीन गुना बिजली बिल आ रहे हैं। जिससे व्यापारियों की कमर टूट रही हैं। दुकानदरों के बिजली के बिल ही निकल जाएं तो यह बड़ी बात हैं। मार्केट में मंदा बहुत है, बिल कम होने चाहिए। इस समय बिजली के दाम वहन करने लायक नहीं है। पहले हमारे घर का ही महज ढाई हजार बिल आता था जो अब 15 हजार तक आने लगा हैं। दुकानों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता हैं। सीएफएल जलाने पर भी बिजली बिल ज्यादा आ रहा है, पहले गर्म पानी की रॉड जलने के बाद भी इतना बिल नहीं आता था। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। रजनीश कौशल का कहना है कि 12 रुपये पर यूनिट से कम बिल की दर नहीं हैं। मेरा दो किलो वाट का कनेक्शन है इसका बिल भी इसी रेट पर आता हैं। अब सरकार फ्लैट रेट पर बिजली बिजली देने की बात कर रही है, लेकिन जब यूनिट का रेट ही ज्यादा होगा तो बिल कम कैसे होगा। कितना भी कम करे लेकिन बिल बढ़ता जा रहा है।

घर का बिल भी आठ रूपये प्रति यूनिट से कम नहीं आ रहा हैं। कमर्शियल कनेक्शन का दाम भी ज्यादा है तो व्यापारी को काफी भारी बिल चुकाना पड़ रहा है। हम लोगों की लागत ही कम नहीं होगी तो रेट कहां से कम होंगे। जिस तरह से बिजली बिल बढ़ रहा है उसका सीधा असर हमारी जेबों पर पड़ता है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। कंप्यूटर पर सारे काम होते है तो बिजली की खपत भी होगी। संत कुमार मेरठ बुलियन ट्रेडर्स के पदाधिकारी ने बताया पहले से बिल दोगुने हो गए हैं। मान लो पहले हमारा बिल एक हजार का आता था तो अब दो हजार का आ रहा है। बिजली का प्रयोग करना है तो बिल तो देना ही पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि बिजली के रेट कम किए जाए। बिजली की युनिट के हिसाब से बिल में अन्य दूसरे चार्ज भी जोड़े जा रहें है।

फिक्स चार्ज के अलावा दूसरे चार्ज भी लगाए जा रहें है जो गलत है। बिजली की कीमत घटानी चाहिए, जितनी बिजली इस्तेमाल होती है उतना ही बिल आना चाहिए। दस से बारह रूपये प्रति युनिट के हिसाब से बिल आते है जो काफी ज्यादा हैं। सरकार को व्यापारियों के बिलों को लेकर सोचना चाहिए। अजय गुप्ता व्यापारी नेता का कहना है बिल जरूर ज्यादा है, लेकिन इसके बदले बिजली भरपूर मिल रही है। जब बिजली बराबर मिलेगी तो बिल भी आएगा। हालांकि बिलों में गलतियां भी सामने आ रही है, जिनमें सुधार होना चाहिए। विभाग ने अलग-अलग कैटेगिरी बना रखी है जिनके अनुसार बिल आते हैं। आबू लेन पर हमारा शोरूम है लगभग 15 हजार रुपये महीना बिजली बिल आता हैं। महंगा पड़ता है लेकिन बिजली भरपूर मिल रही है इसलिए कुछ कहना ठीक नहीं हैं। कहीं न कहीं व्यापारियों को बिजली सस्ती दरों पर मिले तो राहत मिले। सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए। जिससे कम से कम व्यापारियों के बिल कम हो सके।

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