ई-टेंडर प्रक्रिया में शासनादेश के उल्लंघन की जांच के आदेश

नगर आयुक्त शशांक चौधरी को जांच के आदेश दिए

Update: 2024-03-01 05:53 GMT

मेरठ: नगर निगम मथुरा-वृंदावन द्वारा डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन निजी कंपनी से कराने के लिए यूपी ई-पोर्टल पर टेंडर निकाले जाने पर सवाल उठाए गए हैं. इस मामले में शासन में की गई धांधलेबाजी की शिकायत के बाद मंडलायुक्त (आगरा) ने नगर आयुक्त शशांक चौधरी को जांच के आदेश दिए हैं. आरोप है कि आउट सोर्सिंग की यह प्रक्रिया जेम पोर्टल के माध्यम से होनी चाहिए थी.

महानगर के समस्त 70 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नगर निगम द्वारा एनआईसी के माध्यम से ई-पोर्टल पर टेंडर आमंत्रित किए थे. तीन कंपनियों के साक्षात्कार भी हुए.मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य ठाकुर हरिओम सिंह ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव नगर विकास से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा ई पोर्टल के माध्यम से 331 मैनपावर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के टेंडर निकालते हुए शासनादेश का उल्लंघन किया गया है. वर्ष के शासनादेश के मुताबिक मैनपावर आउटसोर्सिंग के लिए जैम पोर्टल की व्यवस्था को अनिवार्य किया गया था.

किंग सिक्योरिटी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए शासनादेश का उल्लंघन करते हुए यूपी ई-टेंडर का इस्तेमाल किया गया है. आरोप लगाया गया कि इस फर्जी टेंडर के टैक्निकल बिड में केवल तीन कंपनियों अग्रवाल एंड कंपनी, किंग सिक्योरिटी व विशाल प्रोटेक्शन फोर्स को ही क्यों पास किया गया और अनावश्यक शर्तें क्यों लगाई गई हैं. इसका संज्ञान लेते हुए अपर आयुक्त (प्रशासन) राजेश कुमार ने नगर आयुक्त शशांक चौधरी को जांच के आदेश दिए हैं.

महानगर से घर-घर कूड़ा कलेक्शन की प्रक्रिया को नगर निगम द्वारा निजी कंपनी को ठेका दिया जाना है. ठेकेदार द्वारा ही मैनपावर से काम लिया जाना है और भर्ती की जानी है. कंपनी को ही काम करने वाले मैनपावर को भुगतान करना है. इसके लिए यूपी ई-पोर्टल पर टेंडर आमंत्रित किए गए हैं. इसमें शासनादेश का कोई उल्लंघन नहीं है. मंडलायुक्त द्वारा पूरी प्रक्रिया की जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी-

शशांक चौधरी, नगर आयुक्त नगर निगम मथुरा-वृंदावन

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