मुजफ्फरनगर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडी कॉलेज एसोसिएशन मामले में नगरपालिका के पहले नोटिस को तो निरस्त कर दिया है, पर आगे जिला प्रशासन को एसोसिएशन के खिलाफ कानून के अनुसार ही नई कार्रवाई के निर्देश दिए है।
आपको बता दें कि एसडी कॉलेज एसोसिएशन और जिला प्रशासन के बीच 27 दिसंबर 22 से विवाद चला आ रहा है, जिला प्रशासन ने तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह के निर्देश पर नगर पालिका से एसडी कॉलेज एसोसिएशन को एक नोटिस निर्गत कराया था, जिसमें यह लिखा गया था कि यह संपत्ति नगर पालिका की है और नगर पालिका में वापस निहित कर दी जानी चाहिए, साथ ही लगभग 190 करोड़ के राजस्व की वसूली के लिए भी नोटिस जारी किया गया था।
यह मामला काफी चर्चाओं में रहा था, लेकिन बाद में कई बार समय बढ़ा दिया गया, 2 दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में एक आदेश जारी किया है, उक्त आदेश हाईकोर्ट ने अब अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति श्रीमती सुनीता अग्रवाल व मंजीव शुक्ला ने याचिकाकर्ता के वकील श्रेया गुप्ता और नगर पालिका परिषद के वकील अतुल तेज कुलश्रेष्ठ को सुनने के बाद निर्देश दिए हैं कि नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी द्वारा विध्वंस आदेश/नोटिस दिनांक 27 दिसंबर 2022 जो नजूल की 0.440 हेक्टेयर से अधिक भूमि से निर्माण हटाने के संबंध में है, को हटाने के लिए 1 सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसा करने को कहा गया था।
विद्वान न्यायमूर्ति ने कहा है कि याचिकाकर्ता को विध्वंस आदेश पारित करने से पहले कोई नोटिस या सूचना जारी करके सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था, जिसकी सूचना याचिकाकर्ता को केवल उक्त नोटिस द्वारा दी गई थी।
न्यायालय ने इसी आधार पर 27 दिसंबर के नोटिस को निरस्त कर दिया है कि सुनवाई का कोई पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया था ,साथ ही नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर को यह भी निर्देश दिए कि वह याचिकाकर्ता के खिलाफ कानून का सख्ती से पालन करते हुए ही कोई कार्यवाही करे।
अदालत ने यह भी कहा है कि यदि नई कार्यवाही शुरू की जाती है तो विध्वंस के आदेश के संबंध में उठाए गए सभी विवाद याचिकाकर्ता द्वारा सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अदालत के लिए खुले हैं। इस मामले में एसडी कॉलेज की ओर से सुश्री श्रेया गुप्ता और रवि आनंद और जबकि नगरपालिका की ओर से अतुल तेज कुलश्रेष्ठ और विभु राय ने पैरवी की है।