लखनऊ (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश खीरी स्थित ओयल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बंद होने के प्रकरण को डिप्टी सीएम ब्रेजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है। किन कारणों से अस्पताल बंद रखा गया? इसका पता लगाने के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है।
आठ अप्रैल की रात खीरी के मछदेई थाना निवासी कौशल की पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने 102 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया। एम्बुलेंस तय समय पर पहुंची। परिजन गर्भवती आरती को एम्बुलेंस से लेकर ओयल पीएचसी पहुंचे। पीएचसी बंद मिली। गर्भवती को एम्बुलेंस से बेहजम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजना पड़ा, जहां उनका इलाज हो सका।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शिकायत का संज्ञान लिया। सीएमओ को प्रकरण की जांच के आदेश दिये। सीएमओ ने दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके गुप्ता और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लालजी पासी शामिल हैं।
कठोर कार्रवाई होगी
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अस्पताल तय समय पर खोले व बंद किये जाएं। किसी भी दशा में इमरजेंसी सेवाएं बंद न की जाएं। इमरजेंसी सेवा बंद करना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
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