सरधना: नगर में खुले चैम्बर, नाले और नालियों से लोगों की जान में बन हुई है, लेकिन नगरपालिका में जमे अधिकारियों को इससे जरा भी सरोकार नहीं है। जिसके चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। नगर की कई गलियों में ये हाल है। बावजूद इसके न तो जिम्मेदारों का इन चैम्बर को कवर करने की ओर ध्यान है न ही शहर की खुले नाले और नालियों को बंद करने पर। सडक के बीचों बीच नाली खुली हुई है। जिससे कभी एक बड़ी घटना घट सकती है। संबंधित विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
यदि वाहन चलाते समय जरा सी भी असावधानी होती है तो असमय ही लोगों को चोटिल होना पड सकता है। जहां नाली खुली हुई उसी के बगल से कई दुकाने है जहां पर आने वाले ग्राहक अपने वाहन खुली नाली के इर्द गिर्द खडे कर देते हैं। जिससे यहां से निकलना और भी मुश्किल हो जाता है। यहां से दिनभर दो पहिया, चार पहिया वाहन चालक इस मार्ग से निकलते है, लेकिन रोड के बीचो बीच यह खुली नाली मौत का आमंत्रण दे रही है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
कालंद चुंगी पर नाली में खुले पड़े हॉल के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन हॉल के कारण यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। एक ही जगह पर पूरे चार हॉल खुले पड़े हैं। इसके अलावा नाले पर डली पुलिया के स्लेब में इतनी जगह है कि उसमें वाहनों के पहिए फंस जाते हैं। लगातार शिकायत करने के बाद भी पालिका प्रशासन की नहीं नहीं टूट रही है।
लोगों ने पालिका से शीघ्र समस्या के समाधान की मांग की है। कालंद चुंगी पर कमरानवाबान को जाने वाले रास्ते में तीन समस्याएं सालों से बनी हुई हैं। पहली रास्ता मुख्य मार्ग से नीचा होने के कारण जलभराव होना। दूसरा एक हीनाली में लगे छोटे गाटर गायब होने के कारण हॉल खुले रहना। तीसरी समस्या है मुख्य मार्ग पर नाले के ऊपर डले स्लेब में दरार खुली होना। जिनमें वाहनों के पहिए फंस जाते हैं। सालों हंगामा करने के बाद पालिका प्रशासन ने रास्ते को जैसे तैसे ऊंचा करा दिया है।
मगर नालियों के खुले पड़े चारों हॉल आज तक जस के तस है। जिसके चलते यहां आए दिन हादसे होते रहते हंै। सबसे अधिक हादसों का शिकार दुपहिया वाहन सवार होते हैं। नाले के स्लेब में वाहनों के पहिए फंसने से यहां जाम लग जाता है। यहां के लोग लंबे समय से अपनी आवाज उठा रहे हैं। मगर पालिका प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। लोगों ने पालिका से शीघ्र समस्या के समाधान की मांग की है।
रात के समय भारी दिक्कत: दिन में तो जैसे-तैसे लोग खुली नाली को देखकर बगल से अपना वाहन निकाल लेते हैं, लेकिन रात के समय दो पहिया वाहन चालकों, चार पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात के समय यदि कोई वाहन खुली नाली में फंस जाए तो हादसा घटित हो सकता है, लोगों को असमय ही परेशानी उठानी पड़ सकती है। स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना रहना चाहता है। जिसके कारण ही नगर की सडकों और नालियों का यह हाल हो गया है। लोगों का कहना है कि वे अक्सर हादसे का शिकार हो रहे हैं।