मुरादाबाद जिले में रोज एक सड़क हादसा, तीसरे दिन एक मौत
जबकि पिछले साल के मुकाबले बीस हादसे कम दर्ज हुए हैं
मुरादाबाद: सड़कों पर हादसे रोकने की कोशिश कागजों तक ही सीमित हैं. यही वजह है कि सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम बैठकों के बावजूद जमीन पर अमल नहीं हो रहा है. दिन पहले कांठ रोड पर रसूलपुर के पास हुए सड़क हादसे में परिवार के लोगों ने दम तोड़ दिया था. साल के शुरुआती महीनों में 99 सड़क हादसे 77 लोगों की जिंदगी छीन चुके हैं. हालांकि साल पहले से महज सड़क हादसे कम हुए. जबकि पिछले साल के मुकाबले बीस हादसे कम दर्ज हुए हैं.
मंडल और जिला स्तर पर सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम की गंभीरता से कवायद होती है. कमिश्नर व डीएम इन बैठकों की अध्यक्षता करते हैं पर आला अफसरों की हिदायत व सुरक्षा इंतजामों को बेहतर बनाने की योजनाएं जमीन स्तर पर उतर नहीं पातीं.
मुरादाबाद जिले में जनवरी से मार्च तक 99 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 54 लोगों की जिंदगी छिन गई और करीब 77 लोग घायल हो गए. पिछले साल के मुकाबले सड़क हादसों में गिरावट आई है. 2023 में इस अवधि में सड़कों पर 119 हादसे हुए. इनमें 77 लोगों ने दम तोड़ दिया. सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए, लेकिन साल पहले यानी 2021 में हुए सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मौजूदा संख्या में खास अंतर नहीं है. 2022 में जनवरी से मार्च तक कुल 5 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इनमें आधे से ज्यादा यानी 64 लोगों ने दम तोड़ा. घायलों की संख्या भी 83 पार हो गई. सालों के सड़क हादसों पर गौर करें तो सड़क दुर्घटनाएं गंभीर हुई जिसमें पचास से साठ फीसदी तक लोग बच न सके. 2023 में कुल हादसों में पैंसठ फीसद से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया. इस साल पचास फीसद व 2022 में 70 फीसद लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा.
कांठ रोड की घटना के पीछे लोनिवि की चूक 31 मार्च को कांठ रोड पर हुए हादसे की वजह विभागीय चूक है. दरअसल जहां घटना हुई वहां एस की शेप का बड़ा कर्व है. वाहन चालक की जरा सी असावधानी हादसे का कारण बनती है. खास यह कि आज तक इस जगह पर विभाग ने कभी ध्यान नहीं दिया. यहां न संकेतक लगा और न स्पीड लिमिट का बोर्ड. लोनिवि ने कभी इस जगह को दुघर्टना स्थल न मानते हुए ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में भी नहीं रखा. गांव के लोगों का कहना है कि यहां कुछ समय पहले इस जगह बड़ा सड़क हादसा हो चुका है. कांठ निवासी दीपक एडवोकेट का कहना है कि कांठ रेलवे क्रासिंग के पास मोड़ खतरनाक है. बाहर से आने वाले वाहन चालकों को कोई संकेतांक आदि न होने से मोड़ का अंदाजा आसानी से नहीं लग पाता. कई बार मोड़ पर गन्ने से भरी ट्रालियां पलटी हैं. बड़ा हादसा अब हुआ है. विभाग ने इससे सबक लिया?