पुलिस कस्टडी से फरार कुख्यात आदित्य राणा पर एक लाख का इनाम
बिजनौर पेशी से लौटते समय शाहजहांपुर में पुलिस को चकमा देकर फरार हुए कुख्यात बदमाश आदित्य राणा पर एडीजी बरेली जोन ने एक लाख का इनाम घोषित किया है
बिजनौर, बिजनौर पेशी से लौटते समय शाहजहांपुर में पुलिस को चकमा देकर फरार हुए कुख्यात बदमाश आदित्य राणा पर एडीजी बरेली जोन ने एक लाख का इनाम घोषित किया है। यह इनाम उसे पकड़ने या फिर सूचना देने वाले को दिया जाएगा। वहीं उसकी फरारी के बाद से बिजनौर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। खासतौर पर उसके गांव व परिचितों पर पुलिस की नजरें टिकी हुई हैं। कुख्यात आदित्य राणा पर बिजनौर समेत अन्य जिलों में 43 मुकदमे दर्ज हैं।
एडीजी बरेली जोन ने पकड़ने या सूचना देने वाले को इनाम देने का किया ऐलान
बिजनौर के थाना शिवालाकलां में स्योहारा थाना के राना नंगला निवासी राजपाल के बेटे आदित्य राणा पर अपराध संख्या 174/2020 धारा 307,504,506 के तहत मुकदमा दर्ज है। मौजूदा समय में आदित्य राणा लखनऊ जिला कारागार में बंद था। इस केस में विचाराधीन होने के कारण 23 अगस्त को उप निरीक्षक दीपक कुमार, अशोक समेत रिंकू सिंह, अमित कुमार और मनोज कुमार सरकारी गाड़ी से कोर्ट में पेश करने के लिए बिजनौर आए थे। पेशी के बाद वापस जाते समय शाहजहांपुर क्षेत्र में एक होटल में पुलिस कर्मी खाना खाने के लिए रुके।
इस बीच आदित्य शौंच के बहाने उनको चकमा देकर फरार हो गया। इसकी जानकारी पुलिस कर्मियों को हुई तो होश उड़ गए। आनन-फानन में पूरे जोन की पुलिस की अलर्ट कर दिया गया। संभावित ठिकानों पर दबिश भी दी गई लेकिन अभी तक आदित्य का सुराग नहीं लग सका है। लिहाजा एडीजी बरेली जोन राजकुमार ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि आदित्य को गिरफ्तार करने या फिर उसके संबंध में सटीक सूचना देने वाले को इनाम की धनराशि दी जाएगी।
सीआरपीएफ में हो गया था चयन
अपराध के दलदल में फंसने से पहले आदित्य राणा काफी तेज-तर्रार था। अपने कालेज का वह धावक था। इतना ही नहीं सीआरपीएफ में उसका चयन भी हो गया था। हालांकि ट्रेनिंग में जाने से पहले वह जरायम की दुनियां में आ गया। आदित्य का नाम पहली बार 11 दिसंबर 2013 में ग्राम कासमाबाद में हुई धर्मवीर की हत्या में प्रकाश में आया था। इसके बाद से वह कुख्यात बदमाश बन गया। स्योहारा थाने में पंजीकृत गैंग डी-25 का वह सरगना है। 14 अक्टूबर 2017 को उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गांव के मुकेश को मुखबरी के शक में मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले की पैरवी करने पर एक साल बाद उसके गैंग के सदस्यों ने मुकेश के भाई राकेश की भी हत्या कर दी थी।
बिजनौर पुलिस हुई अलर्ट
पुलिस रिकार्ड के अनुसार इससे पहले भी वह कस्टडी से फरार हो चुका है। 3 अगस्त 2017 में एक मुकदमे की पेशी के दौरान मुरादाबाद पुलिस की आंखों में मिर्ची डालकर वह फरार हो गया था। काफी मशक्कत के बाद वह हत्थे लगा था। लिहाजा इस बार फरार होने के बाद बिजनौर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। उसके गांव राणा नगलां में पुलिस तैनात कर दी गई है। इतना ही नहीं उसके मिलने वाले भी पुलिस की रडार पर हैं।
अमृत विचार।