लखनऊ। हत्या समेत कई मामलों में पिछले 11 वर्ष से फरार चल रहे एक लाख रुपये के ईनामी गैंगस्टर राजेश सिंह उर्फ रमेश सिंह को क्राइम ब्रांच और गोमती नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर में रेलवे स्टेशन की पार्किंग से गिरफ्तार किया है। राजेश अपनी पहचान छिपाकर छत्तीसगढ़ के रायपुर में फैक्ट्री कर्मचारी बनकर रह रहा था। राजेश सिंह मूलरूप से वाराणसी के आदमपुर थानांतर्गत मुकीमगंज का निवासी है। वह पिछले 11 वर्ष से छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई दुर्ग में दिपकर रह रहा था।
2007 में फिरौती के लिए किया था अपहरण, कर दी थी हत्या
मामले की जानकारी देते हुए एडीसीपी क्राइम ब्रांच अखिलेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2007 में राजेश सिंह ने व्यापारी लोकनाथ का फिरौती के अपहरण किया था। फिरौती की रकम मिलने के बाद 11 जनवरी 2007 को उसने अपने 12 साथियों के साथ मिलकर लोकनाथ की हत्या कर दी थी और शव को छिपा दिया था और मौके से सभी साथियों के साथ फरार हो गया था। वहीं 05 अप्रैल को पुलिस ने मुठभेड़ करते हुए विभूतिखंड फ्लाई ओवर के समीप से राजेश सिंह और उसके साथ वैभव सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
4 वर्ष के कारावास के बाद कोर्ट से जमानत पर राजेश बाहर आया और लखनऊ में अपने सभी संपत्तियों को बेचकर व रिश्तेदारों से छिपछिपाकर फरार हो गया। इस दौरान उसके आठ साथियों को कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हो गई, पर राजेश एक बार भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया था और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी की गई थी। इसके अलावा राजेश सिंह के खिलाफ गोमती नगर पुलिस की ओर से वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। राजेश के खिलाफ कुल 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
15 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया ईनाम
गोमती नगर प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि वर्ष वर्ष 2017 में राजेश के खिलाफ 15 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया था। जिसे वर्ष 2022 में बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया था। इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि राजेश सिंह छत्तीसगढ़ जाकर फर्जी आधार कार्ड बनवाकर छत्तीसगढ़ का मूल निवासी बनकर रह रहा था। उसने आधार कार्ड में अपना नाम रमेश सिंह करवा लिया था। वह एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर की नौकरी कर रहा था।