मातहत कहां तक अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी अंजाम दे रहें हैं ? इस सच्चाई को परखने के लिए सीएमओ डा. आरके तिवारी ने अपने दफ्तर का निरीक्षण किया। किए गए निरीक्षण में साहब के मातहत कितने लापरवाह है, इसका पता चल गया। इस दौरान 24 कर्मचारी गैर हाज़िर मिले। जिनमें 11 संविदा कर्मी भी शामिल हैं। सीएमओ ने सभी को तीन दिन की मोहलत देते हुए स्पष्टीकरण तलब किया। साथ ही सभी गैर हाज़िर कर्मियों का एक दिन का वेतन रोक दिया है।
सीएमओ डा.आरके तिवारी ने शनिवार के तीसरे पहर अपने दफ्तर के मातहतों की हाज़िरी जानने के लिए वहां निरीक्षण किया। किए गए निरीक्षण के दौरान एक-दो नहीं,पूरे 24 कर्मचारी गैर हाज़िर पाए गए। इनमें वरिष्ठ सहायक से ले कर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं।
गैर हाज़िर कर्मचारियों में जितेंद्र सिंह, दिलीप कुमार,राजेश कुमार,स्वदीप शुक्ला,सूर्यप्रकाश राठौर,धनेश मिश्रा,शुभम, अमित कुमार, गिरिजेश कुमार, शिवशंकर यादव,नमन अग्रवाल, विपिन बिहारी और उमेश त्यागी के अलावा संविदा कर्मियों में तनवीर रज़ा खान, हिमांशु सिंह, गोविंद कुमार गुप्ता, मोहम्मद शाहिद,माहे परवीन, राकेश द्विवेदी, शेखर गुप्ता मधुबाला राठौर, विकास गुप्ता,असित श्रीवास्तव और शुभेंदु प्रताप सिंह शामिल हैं।
सीएमओ डा.तिवारी ने इस बीच यह भी पाया कि रजिस्टर में जिन कर्मचारियों के नाम के आगे 'सीएल' लिखा हुआ था,उनका वहां कोई प्रार्थना पत्र नहीं मिला। जबकि अब ऑनलाइन 'सीएल' लिए जाने का नियम लागू हो चुका है। मातहतों के इस तरह लापरवाह पाए जाने से सीएमओ डा.तिवारी भड़क गए। उन्होंने सभी को तीन दिन की मोहलत देते हुए उनसे उनका स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ सभी का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया है। सीएमओ के इस तरह के तेवरों से वहां महकमें में खलबली मची हुई है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar