उत्तरप्रदेश | महानगर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन, पुलिस, परिवहन और नगर-निगम के अफसर सड़क पर उतरे और निरीक्षण के बाद कई अहम निर्णय लिए. एडीजी अखिल कुमार के नेतृत्व में कमिश्नर अनिल ढींगरा, आईजी जे. रविंद्र गौड़, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल और आरटीओ संजय कुमार झा ने शहर के चारों कोनों तक घूमकर जाम की वजहों को बारीकी से समझा.
अफसरों ने सबसे पहले डीडीयू के कुल सचिव आवास के पास चलाए जा रहे स्टैंड को देखा. वहां मौजूद बस संचालकों से बातचीत की. इसके बाद वहां की बेतरतीब जमीन को समतल करने को कहा. साथ ही सड़क के किनारे फुटपाथ पर अवैध तरीके से लगाए जा रहे ठेला-गुमटी वालों को भी हटाने का निर्देश दिया. यहां से चारों अफसर रोडवेज बस अड्डे पर पहुंचे. यहां सड़क की एक पटरी पर रोडवेज बसों का कब्जा देख अफसरों ने कड़ी नाराजगी जताई.
अफसर जब स्टैंड के अंदर गए तो देखा कि वहां काफी जमीन है लेकिन बसें सड़क पर खड़ी की जा रही हैं. इस पर कमिश्नर ने परिवहन निगम के एआरएम को बुलाया और इसकी वजह पूछी. एआरएम ने बताया कि अंदर जमीन तो है लेकिन समतल न होने की वजह से वहां बसें खड़ी नहीं हो पाती हैं. इस पर कमिश्नर ने एआरएम को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के अंदर जमीन को समतल कराकर बसें अंदर खड़ी कराना सुनिश्चित करें. अगले निरीक्षण में बसें बाहर दिखीं तो जिम्मेदार कार्रवाई की जद में आएंगे. एडीजी ने सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए. कहा कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था के मुकम्मल इंतजाम होने चाहिए.
महराजगंज की बसों का स्टैंड बीआरडी के पास
महाराजगंज की तरफ से आने वाली बसों के लिए भी शहर से बाहर स्टैंड के लिए अफसरों ने मेडिकल कॉलेज के पास स्थित खाली जमीन का निरीक्षण किया. यहां जो जमीन दिखाई गई वह भी समतल नहीं थी. ऐसे में नगर-निगम को जमीन को समतल कराकर सभी तरह की सुविधाओं को विकसित करने को कहा गया. इस स्टैंड तक आने-जाने के लिए ई रिक्शा का किराया भी तय किया जाएगा. कमिश्नर ने बताया कि 1 अक्तूबर से स्टैंड शुरू कर दिया जाएगा.