अलीगढ़: सासनीगेट डिवीजन में लगभग तीन करोड़ रुपये राजस्व गबन हुआ है. आडिट टीम की रिपोर्ट के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. डिस्काम के अधिकारियों ने इस पर शिकंजा कसा तो जिले के अधिकारी नीचे वालों पर जिम्मेदारी तय करने में जुटे हुए है. पांच सालों के भीतर हुए बिजली बिल के इस घोटाले में कई अफसर और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होगी. फिलहाल मामला तूल पकड़ रहा है.
विद्युत वितरण निगम खंड नगरीय के डिवीजन प्रथम में कुल लगभग 65 हजार उपभोक्ता है. इन उपभोक्ताओं के द्वारा जमा किए गए करोड़ों रुपये बिजली बिल में अफसरों और कर्मचारियों ने मिलकर खेल किया है. डीवीवीएनएल से आई आडिट टीम ने 2016-17 से उपभोक्ता द्वारा जमा किए गए वसूले गए बिल और विभागीय खाते में जमा बिजली के बिल का बारीकी से आंकलन किया, वर्ष 2020-21 तक आडिट टीम को लगभग 2.95 करोड़ रुपये का गबन मिला. यह देख आडिट टीम भी हैरान रह गई. टीम ने इसकी रिर्पोट डिस्काम के अफसरों को सौंपी. इन पांच सालों में कैशियर से लेकर, एकाउंटेंट और एक्सईएन पद पर तैनात अफसरों व कर्मियों की सूची बननी शुरू हो गई है. तीन करोड़ के गबन के पत्र से डिवीजन ही नहीं सर्किल व जोन के अधिकारी की सांसे अटकी हुई हैं.
● सासनीगेट डिवीजन में लगभग तीन करोड़ रुपये के राजस्व का गबन
● एमडी कार्यालय से गठित आडिट टीम की जांच में सामने आया गबन
● 2016-17 से 2020-21 के बीच हुआ जमा किए गए बिजली बिल में खेल
किस साल में कितन रुपये के बिजली बिल का हुआ गबन
वर्ष गबन धनराशि
2016-17 27,82,334
2017-18 7,11,051
2018-19 54,74,536
2019-20 88,41,545
2020-21 53,71,757
कुल 2,31,18,223
वर्ष गबन धनराशि
2016-17 27,44,210
2017-18 -53,95,346
2018-19 89,77,582
2019-20 -17,60,048
2020-21 17,40,326
कुल 63,06,724
शहर के डिवीजन प्रथम में पुराना बिजली बिल गबन का मामला सामाने आया है. आडिट टीम के दौरान मामला पकड़ में आया है. इस पर विधिक कार्यवाही के लिए एसई को पत्र लिखा गया है.
-आनंद शुक्ला, मुख्य अभियंता, बिजली निगम