लखनऊ न्यूज़: मोहनलालगंज में निजी अस्पताल का बड़ा खेल सामने आया है. निजी अस्पताल ने जिस महिला डॉक्टर की मुहर व दस्तखत का मरीज की फाइल पर इस्तेमाल किया है उसने मरीज को देखा तक नहीं. महिला डॉक्टर ने पुलिस और सीएमओ कार्यालय में निजी अस्पताल की कारगुजारी पर आपत्ति दर्ज कराई है.
ये है घटना हरौनी निवासी शरद गुप्ता पुलिस विभाग में सिपाही हैं. शाम को उनकी पत्नी मीरा (27) को प्रसव पीड़ा हुई थी. परिवारीजनों ने स्थानीय आशा को सूचना दी. आरोप है कि आशा गर्भवती को मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के बजाय निजी अस्पताल ले गई थी. पति शरद का आरोप है कि प्रसव के दौरान कोताही बरती गई, जिससे गर्भवती की हालत बिगड़ गई. यहां से गर्भवती को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया था. जहां ऑपरेशन से प्रसव हुआ. इसके बाद नवजात की हालत गंभीर हो गई. आनन-फानन में उसे दूसरे अस्पताल में भेजा गया, जहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया पर उसकी मौत हो गई थी. पति की शिकायत पर सीएमओ कार्यालय ने जांच शुरू की. अस्पताल से मरीज के इलाज संबंधी दस्तावेज तलब किए. फाइल पर ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर की मुहर व दस्तखत मिले. तीमारदारों ने संबंधित महिला डॉक्टर से संपर्क किया. महिला डॉक्टर ने तीमारदार को सर्जरी न करने की बात कही. बाकायदा लिखित में यह सूचना उपलब्ध कराई. महिला डॉक्टर ने कहा कि हमने कोई सर्जरी उस अस्पताल में नहीं की. डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह का कहना है कि मरीज की फाइल पर फर्जी तरीके से डॉक्टर का नाम व मुहर लगाना गलत है. मामले की जांच कराई जा रही है.