आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। यहां पर ताजमहल की खूबसूरती को देखने के लिए भीड़ लगी रहती है। देश-विदेश से पर्यटक यहां पर आते है। दिन में ताजमहल की खूबसूरती तो होती ही है, लेकिन रात को ताजमहल चांद की चांदनी की तरह चमकता है। जिससे ये और भी खूबसूरत लगता है। रात को भी भारी संख्या में लोग ताज को देखने के लिए आते है। इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसे जानने के बाद पर्यटकों के साथ-साथ होटल मालिक, ट्रैवल कंपनी के मालिक और टूर गाइड भी खुश हो गए है। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को रात में देखने के लिए ऑनलाइन टिकट सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया है। जिससे यहां पर आने वाले पर्यटकों के बीच नाइट स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शीर्ष अदालतों के 2004 के आदेश में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि टिकट निर्धारित यात्रा से 24 घंटे पहले काउंटर से फिजीकली लिया जाना चाहिए। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े स्टेकहोल्डर्स ने कहा कि इससे आगरा के बजट होटलों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि यह पर्यटकों के बीच नाइट स्टे को बढ़ावा देगा। यूनेस्को की विश्व धरोहर का नाइट व्यू पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। खासकर पूर्णिमा की रात में जब स्मारक का संगमरमर विभिन्न कोणों पर चांदनी के रूप में चमकता है, जो और भी खूबसूरत लगता है।
24 घंटे पहले फिजिकल टिकट लेने की परेशानी से मिलेगी राहत
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने बुधवार को शीर्ष अदालतों के 2004 के आदेश में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि टिकट निर्धारित यात्रा से 24 घंटे पहले काउंटर से फिजीकली लिया जाना चाहिए। होटल मालिकों, ट्रैवल कंपनी के मालिकों और टूर गाइड ने ऑनलाइन बुकिंग की अनुमति देने के लिए अदालत के आदेश की सराहना की है। वहीं, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष केसी जैन ने कहा कि इससे पर्यटकों को माल रोड स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय के काउंटर से 24 घंटे पहले फिजिकल टिकट लेने की परेशानी से राहत मिलेगी। उन्होंने ने कहा है कि, "कई पर्यटक भारी भीड़ के कारण खिड़की से टिकट बुक नहीं कर पाते हैं." उनकी भी यह दिक्कत खत्म हो जाएगी।
पर्यटकों को रात में ताज देखने में होती थी दिक्कतें
सरकार द्वारा अनुमोदित टूर गाइड मोनिका शर्मा ने कहा कि उनके कई पर्यटकों को रात में ताजमहल देखे बिना वापस लौटना पड़ा क्योंकि वे रात भर रुकने में सक्षम नहीं थे या काउंटर से टिकट बुक करने में असमर्थ थे। उन्होंने कहा कि "एक महीने में, चाँद रात के व्यू के लिए पाँच दिन होते हैं - पूर्णिमा से दो दिन पहले, पूर्णिमा का दिन और पूर्णिमा के दो दिन बाद 50 लोगों के आठ जत्थे होते हैं और रात को देखने का समय 8.30 बजे शुरू होता है।"