लखनऊ: एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार से जुड़ने का भरपूर मौका मिलेगा. केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत 2024-25 में यूपी को 33 करोड़ मानव दिवस आवंटित कर दिए हैं. चालू वित्तीय 2023-24 में यूपी के लिए मानव दिवस सृजन का आवंटन 21 करोड़ था, जो धीरे-धीरे बढ़ कर 31 करोड़ तक पहुंचा है.
और मानव दिवस मिलने के आसार ग्राम्य विकास विभाग के विशेष सचिव सुखलाल भारती व उपायुक्त मनरेगा हरिशचंद्र के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट आवंटन के समय यूपी को 21 करोड़ मानव दिवस पर काम कराए जाने का लक्ष्य हासिल हुआ था. जैसे-जैसे राज्य में मनरेगा के तहत काम कराने की गति बढ़ी केंद्र सरकार ने और मानव दिवस यूपी को आवंटित किए. यह आवंटन 31 करोड़ मानव दिवस तक पहुंच गया है. अभी डेढ़ महीने से अधिक इस वित्तीय वर्ष में शेष है, उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार यूपी को आवंटित मानव दिवस की संख्या में फिर से इजाफा कर सकती है. सुखलाल भारती के मुताबिक नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में आवंटित 33 करोड़ मानव दिवस से मजदूरों को काम देने का काम एक अप्रैल से ही युद्धस्तर पर शुरू करा दिया जाएगा. उम्मीद है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के बाद केंद्र सरकार पूर्व के वर्षों की तरह यूपी के लिए अतिरिक्त मानव दिवस का सृजन भी करेगी. ऐसा होने पर यह संख्या 36 करोड़ मानव दिवस तक जा सकती है.
कोरोना वर्ष में बना था रिकार्ड कोरोना काल से ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-बाड़ी से जुड़े रहते हुए खाली समय में मनरेगा के तहत रोजगार से जु़ड़ने का ग्राफ तेजी से बढ़ा. कोरोना 2020-21 में जब पूरे देश से मजदूर वापस घरों को लौटे उस समय दौर में 39.45 करोड़ मानव दिवस पर मजदूरों ने रिकार्ड काम किया. मनरेगा के तहत खूब काम दिया गया. मनरेगा का असर फीका पड़ने के बाद मजदूर वापस अपने कामधंधे पर महानगरों को रवाना हुए तब भी 2021-22 में 32.56 करोड़ मानव दिवस पर मजदूरों ने काम किया था.