मेरठ: आउटर रिंग रोड पर तेजी से कार्य चल रहा हैं। ये शहर के लिए अच्छी खबर हैं। दो दशक पहले एमडीए ने आउटर रिंग रोड का मास्टर प्लान में उल्लेख करते हुए प्लानिंग की थी, लेकिन प्राधिकरण आउटर रिंग रोड को नहीं बना पाया। अब एनएचएआई आउटर रिंग रोड का निर्माण कर रही हैं। इसके बनने से शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी। क्योंकि जाम की समस्या से लोग त्रस्त हैं। बड़े वाहनों को भी शहर के भीतर से होकर ही जाना पड़ता हैं।
रुड़की रोड पर जाने वाले गढ़ रोड के बड़े वाहनों को शहर में एंट्री की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसी आउटर रिंग रोड से होकर बड़े वाहन निकल जाएंगे। आउटर रिंग रोड को एनएचएआई ने 709-ए का नाम दिया हैं। आउटर रिंग रोड का निर्माण टाटा कंपनी कर रही हैं, ये भी कम लोग ही जानते हैं। टाटा कंपनी आउटर रिंग रोड की गुणवत्ता भी बेहतर करेगी। ऐसी उम्मीद हैं। कई हिस्सों में बांटकर इसका निर्माण किया जा रहा हैं। गढ़मुक्तेश्वर एक हिस्सा हैं, जिसका निर्माण तेजी से चल रहा हैं। हापुड़ रोड को गढ़ रोड को आपस में कनेक्ट किया जा रहा हैं।
ये करीब 35 किलोमीटर लंबा होगा। रुड़की रोड और मवाना रोड को आपस में लिंक किया जाएगा। यहां भी फोर लेन आउटर रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा हैं। इसकी चौड़ाई 40 से 25 मीटर चौड़ाई इसकी रहेगी। कुछ जगहों पर इसमें सर्विस लाइन भी बनेगी, जो प्लानिंग में रखा गया हैं। एनएचएआई ने 709-ए प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा हैं। गढ़-मेरठ हाइवे पर जिस तेजी से कार्य चल रहा हैं, उसको देखकर लगता है कि जल्द ही लोगों को शानदार सड़क का काम दिखाई देगा।
तीन करोड़ की मशीन से तैयार हो रही सड़क: मशीन आपरेटर वीरपाल सिंह का कहना है कि बोगली बेवर मशीन हैं, जिसको वो चलाते हैं। इसकी कीमत तीन करोड़ की हैं। इस मशीन से ही ये आउटर रिंग रोड तैयार किया जा रहा हैं। यह अपने आप में अलग तरह की मशीन हैं। कहा जा रहा है कि मिट्टी का कार्य होने के बाद इस मशीन से सीमेंट व अन्य रोडी का घोल तैयार कर इसी मशीन से डाला जाता हैं।
एक घंटे में पांच सौ से छह सौ टन माल सड़क पर बिछा देती हैं। तीन सौ मीटर सड़क तैयार कर ली जाती हैं। प्लांट में सड़क सामग्री तैयार की जाती हैं, जहां से लाकर ये मशीन में सामग्री डाली जाती हैं, फिर रोड पर बिछाई जाती हैं। प्रथम लेयर वर्तमान में चल रही हैं। इस तरह से चार लेयर सड़क की तैयार की जाएगी।