अब होम्यो, आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी गर्भवती की जांच होगी

इनमें 12 आयुर्वेद और 18 होम्योपैथ विधा के चिकित्सिक शामिल हैं.

Update: 2024-05-24 05:42 GMT

झाँसी: आमतौर पर होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों को दवा के तौर पर मीठी गोली और चूर्ण दिया जाता है. अब इन अस्पतालों में भी गर्भवतियों की जांच होगी. यह जांच रैपिड टेस्ट किट से होगी. अब तक इन अस्पतालों में रैपिड किट से गर्भावस्था की जांच की सुविधा नहीं थी. इसे लेकर जिले के 30 आयुष्मान आरोग्य मंदिर के चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया. इनमें 12 आयुर्वेद और 18 होम्योपैथ विधा के चिकित्सिक शामिल हैं.

दरअसल अब तक असाध्य व सामान्य रोगों के मरीज होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक चिकित्सालयों पर इलाज के लिए पहुंचते हैं. गर्भवतियां यहां नहीं पहुंच रही थीं. इसकी सबसे प्रमुख वजह गर्भावस्था की जांच जैसी प्राथमिक सुविधा का आभाव था. अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर में रैपिड किट मुहैया कराई जा रही है.

इससे मासिक चक्र रुकने पर गर्भावस्था की जांच की जाएगी. इतना ही नहीं, आरोग्य मंदिर से गर्भवती को पहली तिमाही में आवश्यक फोलिक एसिड, कैल्शियम व आयरन जैसी प्राथमिक दवाएं भी मिलेंगी. मरीजों को इससे काफी लाभ होगा. प्रशिक्षित चिकित्सकों की मदद मिलेगी.

आयुष्मान आरोग्य मंदिर का शासन विस्तार कर रहा है. इसी के तहत डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी गई है. अब जांच किट मिल गई है. से प्रकार की नई जांचें अस्पतालों में होगी. इससे मरीजों को काफी लाभ होगा.

- डॉ. मीनू सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, आयुर्वेद

गैर संचारी रोगों की जांच की मिली है ट्रेनिंग

जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी कार्यालय में इन चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया. चिकित्सकों ने बताया कि यह ट्रेनिंग बेहद खास रही. इसमें गर्भवतियों की जांच के साथ ही गैर संचारी रोग के बाबत जानकारी दी गई, जिसमें टायफाइड, मलेरिया, हीमोग्लोबीन, यूरिन व प्रोटीन टेस्ट शामिल है. इसके साथ ही वजन, पल्स, ऑक्सीजन और बीपी को मापने के सही तरीके सिखाए गए. चिकित्सकों ने बताया कि गर्भवती की पहचान के बाद नजदीक के बड़े सरकारी अस्पताल में रेफर किया जाएगा. यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट होगा.

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