अब वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य, ये नंबर वाले हो जाएं सावधान

जिन वाहन स्वामियों की नंबर प्लेट का आखिरी अंक 0 और एक है.

Update: 2021-11-15 16:13 GMT

लखनऊ, जिन वाहन स्वामियों की नंबर प्लेट का आखिरी अंक 0 और एक है, वे तत्काल हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवा लें। अंतिम तिथि 15 नवंबर सोमवार को पूरा होने वाली है। वाहन स्वामियों की यह लापरवाही उन पर भारी पड़ सकती है और उन्हें बड़ा जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। राहत उन्हीं वाहन स्वामियों को ही मिल पाएगी जिनके पास एचएसआरपी की ऑनलाइन बुकिंग की रसीद या अन्य साक्ष्य होंगे। हालांकि, गाड़ियों के चालान को लेकर अभी कोई अभियान की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन वाहन की सुरक्षा संबंधित नंबर प्लेट को अब लगवाया जाना जरूरी होगा।

इस आशय के आदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू पहले ही जारी कर चुके हैं। बावजूद इसके अभी वाहनस्वामियों ने इसे लगाए जाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इससे पूर्व प्रदेश में दोपहिया, चार पहिया, व्यवसायिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एसएचआरपी) लगवाए जाने की तारीख बीती 15 जुलाई थी। कोरोना के चलते परिवहन विभाग ने नंबर प्लेट लगवाए जाने की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई थी। साथ ही निजी वाहन स्वामियों की गाड़ियों के लिए नंबरों के हिसाब से तारीख निर्धारित की गई है।
नंबर प्लेट के अंतिम अंक के हिसाब से तय की गई तिथियां
15 नवंबर 2021 तक -प्रदेश के सभी जिलों में पंजीकृत वे निजी वाहन जिनके नंबर के अंत में 0 और 1 है।
15 फरवरी 2022 तक -पंजीकृत वाहन जिनके नंबर के अंत में 2 और 3 है।
15 मई 2022 तक- पंजीकृत वाहन जिनके अंतिम नंबर के अंत में 4 और 5 है।
15 अगस्त 2022 तक-पंजीकृत वाहन जिनके नंबर के अंत में 6 और 7 है।
15 नवंबर 2022 तक- पंजीकृत वाहन जिनके नंबर के अंत में 8 और 9 है।
नंबर प्लेट न लगाने पर बड़े जुर्माने के नियमः बिना एचएसआरपी लगवाए वाहन चलाए जाने पर पकड़े जाने पर वाहनस्वामी जुर्माने और चालान की जद में आ जाएगा। मोटर वेहिकिल एक्ट में बिना नंबर प्लेट या फिर मनमाने तरीके से नंबर लिखवाए जाने के तहत पांच हजार रुपये के जुर्माने का नियम है।तारीख में फिलहाल अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में वाहन स्वामियों को नियमानुसार नई पंजीयन प्लेट अब हर हाल में लगा लेना चाहिए। वर्ना आगामी दिनों में चालान और जुर्माने की प्रक्रिया से उन्हें दो-चार होना पडे़गा। -देवेंद्र कुमार, अपर परिवहन आयुक्त
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