जनता से रिश्ता वेबडेस्क : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं मुजफ्फरनगर के एसएसपी विनीत जायसवाल को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से कहा है कि क्यों न आदेश का अनुपालन न करने पर उन्हें दंडित किया जाए। दोनों अधिकारियों से याचिका पर जवाब मांगा गया है। मामला एक आरक्षी को सेवा में बहाल न करने का है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने विनोद कुमार त्यागी व उसके परिजनों की अवमानना याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है। सीनियर एडवोकेट गौतम ने कोर्ट को बताया कि न्यायालय ने 30 अक्तूबर 2013 को कांस्टेबल विनोद कुमार त्यागी की बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दिया था। साथ समस्त लाभों सहित सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया था। एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की थी। खंडपीठ ने याची को सेवा में बहाल करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
कहा था कि उसकी पिछली बकाया धनराशि का भुगतान इस शर्त पर रुका रहेगा कि कांस्टेबल को सेवा में ले लिया जाए। कांस्टेबल को वर्तमान वेतन देने का भी आदेश था। खंडपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई। इस बीच धन के अभाव के कारण याची कांस्टेबल की 20 सितंबर 2016 को हार्टअटैक से मौत हो गई। याची की बर्खास्तगी का प्रकरण बागपत के माया त्यागी कांड से जुड़ा हुआ है।
माया त्यागी को वर्ष 1980 में पुलिस इंस्पेक्टर व सिपाहियों ने निर्वस्त्र करके थाने पर लाया और उसे व उसके पति और दो अन्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी। माया त्यागी कांस्टेबल याची विनोद त्यागी की भाभी थी। कुछ दिनों बाद माया त्यागी कांड में शामिल इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिसकर्मियों की बागपत में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में याची पर हत्या का आरोप लगाया गया। याची पर रासुका समेत लगभग तीन दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए। वर्ष 2009 में याची विनोद सभी मामलों में बरी हो गया। उसके बाद उसने हाईकोर्ट में बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने उसे बहाल करने का निर्देश दिया था।
source-hindustan