मेरठ न्यूज़: 19 साल पूर्व हुए हत्या के एक मामले में कोर्ट में पेश न होने पर मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्य डा. ऊषा शर्मा के खिलाफ अपर जिला जज कोर्ट संख्या 1 मेरठ ने गैरजमानती वारंट जारी करने के आदेश पारित किए हैं.
वादी अधिवक्ता सिराजुद्दीन अली ने बताया कि डॉ. सुरेंद्र सिंह ग्रेवाल ने 6 जुलाई 2004 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनका बेटा सिद्धार्थ चौधरी मेडिकल कॉलेज मेरठ में द्वितीय वर्ष का छात्र था. जिसकी मेडिकल कॉलेज में छह जुलाई 2004 को हत्या हो गई थी. मामले में सचिन मलिक, यशपाल राणा, अमनदीप सिंह व डा.ऊषा शर्मा का नाम प्रकाश में आया था. पुलिस ने डा. उषा शर्मा का नाम मुकदमे में से निकाल दिया गया था. न्यायालय ने 12 दिसंबर 2019 को सचिन मालिक, यशपाल राणा व अमनदीप सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उषा शर्मा को न्यायालय में तलब कर लिया था. डा.उषा शर्मा हाईकोर्ट गई थी, जहां मामले को न्यायालय में रेफर कर दिया था. कई तिथियों से डा.उषा शर्मा न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रही थी.