Noida: साइबर ठगों को बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश

ठगों को खाते मुहैया कराने वाले चीन के नागरिक समेत पांच दबोचे

Update: 2024-06-11 06:29 GMT

नोएडा: साइबर ठगों को बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को एक्सप्रेसवे थाने की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. इनमें एक चीन और दो तिब्बत के नागरिक हैं. आरोपियों के कब्जे से भारी संख्या में मोबाइल, सिम और विदेशी मुद्रा समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया कि आरोपियों की पहचान चीन के सांग कांग सिटी निवासी झू जुनकाई, कर्नाटक के मैसूर निवासी टेनजिंग कलसेंग और हिमाचल प्रदेश निवासी त्सेरिंग धोन्दुप, लखनऊ निवासी कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी के रूप में हुई है. टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग धोन्दुप मूलरूप से तिब्बत के रहने वाले हैं. पांचों साइबर ठग गिरोह को बैंक खाते और सिम उपलब्ध कराते थे.

पुलिस ने टेनजिंग और त्सेरिंग के पास से सबसे पहले 223 सिम बरामद की. इनमें 94 नए सिम कार्ड, 114 खाली सिम कार्ड रेपर और 15 खाली सिम मोबाइल नंबर की चिट मिली. इसके बाद पुलिस ने अन्य आरोपियों के पास से 21 मोबाइल, दो लैपटॉप, सात आधार कार्ड, चार पैन कार्ड, दो पासपोर्ट और वीजा, विदेशी मुद्रा, चाइनीज पासपोर्ट बरामद किए. लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी लोगों से संपर्क कर उनके बैंक खाते और सिम समेत अन्य दस्तावेज ले लेते थे. सेविंग अकाउंट के एवज में गरीबों को तीन हजार और कॉरपोरेट अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये दिए जाते थे. गरीबों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम निकलवाए जाते थे, जो साइबर ठगी में इस्तेमाल होते थे. टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग सिम को कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी से रिसीव करते थे. टेलीग्राम पर जैसे ही ठगों द्वारा ऑर्डर मिलता था, उन्हें रकम लेने के बाद खाते और सिम मुहैया करा दी जाती थी.

युवाओं को नौकरी के नाम पर फंसाया : कृष्ण मुरारी मेले में स्टॉल लगाकर फंसाता था. शोभित बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज और बैंक खाते ले लेता है. शोभित और कृष्ण मुरारी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है.

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