Noida: जिला मुख्यालय का कार्यालय ई-ऑफिस में तब्दील होगा

अफसर और कर्मियों के बीच ऑनलाइन फाइलों का आदान-प्रदान हो सकेगा.

Update: 2024-08-06 03:22 GMT

नोएडा: जिला मुख्यालय (कलेक्ट्रेट) बहुत जल्द ई-ऑफिस में तब्दील होगा, इससे कागजी फाइलों का झंझट खत्म हो जाएगा. कलेक्ट्रेट को डिजिटल बनाने की सभी प्रक्रिया पूरी हो गई हैं, सप्ताहभर में सभी कलेक्ट्रेट के सभी विभाग आपस में लिंक हो जाएंगे. इससे अफसर और कर्मियों के बीच ऑनलाइन फाइलों का आदान-प्रदान हो सकेगा.

यह प्रणाली लागू होने के बाद अधिकारी कोई भी फाइलों को उसका नंबर डालकर अपने कक्ष में स्क्रीन पर देख सकेंगे. जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कलेक्ट्रेट को ई-ऑफिस बनाने की जिम्मेदारी ई गर्वनेंस सेल को दी गई है. ई गर्वनेंस के तहत बाबुओं, अधिकारियों के बीच सारे रिकॉर्ड और फाइल का आदान-प्रदान ऑनलाइन होगा. सारे पटल और बाबू आपस में लिंक रहेंगे. सभी बाबुओं और अन्य कर्मचारियों का डिजिटल डाटा तैयार कर लिंक किया जा रहा है. कलेक्ट्रेट में तैनात बाबुओं एवं सहायक को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. अक्सर देखने में आता है कि बाबू या अन्य कर्मचारी फाइलों को दबाकर रखते हैं. विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है. इससे कार्यों की प्रगति को भी परखा जा सकेगा.

पेपरलेस होंगे सभी कार्यालय कलेक्ट्रेट में हर एक अधिकारी और कर्मचारी का लॉग इन तैयार हो रहा है. एक से दूसरी जगह पर वह फाइल ऑनलाइन ही ट्रांसफर करेगा. फाइल को उच्च अधिकारी भी ऑनलाइन देख सकेंगे. एक फाइल को निस्तारित होने में कितना समय लग रहा हैं, उसके बारे में भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी. इससे सभी विभाग पेपरलेस होंगे.

कलक्ट्रेट को ई-आफिस बनाने का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है. अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर तैयार कराए जा रहे हैं. एक सप्ताह में कलेक्ट्रेट को ई ऑफिस में तब्दील कर दिया जाएगा.

-मनीष कुमार वर्मा, डीएम, गौतमबुद्धनगर

यह है ई-ऑफिस व्यवस्था: ई-आफिस व्यवस्था में फाइलें कम्प्यूटर, लैपटॉप में ही तैयार की जाएगी. हर अधिकारी, कर्मचारी के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे. जैसे ही किसी अधिकारी या शाखा अथवा पटल में फाइल भेजी जाएगी, उस कम्प्यूटर या लैपटॉप पर अलग मार्क दिखने लगेगा. जब अधिकारी उसे खोलकर डिजिटल हस्ताक्षर कर देगा तो मार्क का रंग बदल जाएगा. हस्ताक्षर न करने पता चलेगा कि कब से फाइल संबंधित विभाग के अधिकारी के पास अटकी है. इस पूरी व्यवस्था की निगरानी डैश बोर्ड के माध्यम से होगी. डैशबोर्ड की निगरानी विभाग से लेकर डीएम तक आसानी से कर सकेंगे.

ये सुविधाएं मिलेंगी: शासन की ओर से कई ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए गए हैं. पीड़ित मामलों में शिकायत करते हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती. प्रक्रिया ऑनलाइन होने से उच्च अधिकारी भी शिकायतों पर नजर रखेंगे. फरियादियों को बार-बार फाइल लेकर इधर से उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं, अब ये झंझट भी खत्म हो जाएगा. अधिकारी कहीं से भी फाइल पर हस्ताक्षर कर सकेंगे.

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