Noida: स्कूल व कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन के नाम पर ठगी का मामला सामने आया
पुलिस ने दो बदमाश दबोचे
नोएडा: नोएडा सहित देश के नामी स्कूल व कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर अवैध धन की उगाही करने वाले दो अभियुक्तों को थाना एक्सप्रेस-वे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों बदमाशों के कब्जे से कब्जे से 5 लैपटॉप, 5 एंड्रॉइड फोन मय सिम, 9 की-पैड मोबाइल मय सिम एवं 32 अन्य सिम कार्ड तथा अन्य दस्तावेज पुलिस ने बरामद किया है। बदमाशों ने अब तक सैकड़ों बच्चों के अभिभवकों को एडमिशन कराने के नाम पर अवैध रूप से धन की उगाही कर चुके हैं।
पुलिस उपायुक्त नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि थाना एक्सप्रेस वे पुलिस को सुचना मिली थी कि थाना क्षेत्र में स्कूल व कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन कराने के नाम पर कॉल करके कुछ लोगों द्वारा धोखाधड़ी से अवैध धन की उगाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त सूचना के आधार पर मामले की जांच-पड़ताल कर रही थाना पुलिस ने आज एक सूचना पर एबीसी बिल्डिंग टावर नंबर-4 सेक्टर-135 से स्कूल व कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन कराने के नाम पर कॉल करके धोखाधड़ी से अवैध धन की उगाही करने वाले अभियुक्त मौ. रिजवान आलम पुत्र मौ. इस्लाम तथा चिरंजीव पुत्र रामाज्ञा राय को गिरफ्तार किया गया है। दोनों अभियुक्त बिहार प्रदेश के रहने वाले हैं।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ करने पर व अन्य बरामद दस्तावेजों एवं कॉल किए गए छात्रों की सूची, छात्र व अभियुक्तों के मध्य चैट के स्क्रीनशॉट से ज्ञात हुआ कि अभियुक्तों द्वारा एबीसी बिल्डिंग टावर में बैठकर छात्रों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम वसूल की गई है। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी वेवसाइट बनाकर छात्रों को कॉल करके नंबरों के आधार पर 100 फीसदी स्कॉलरशिप एवं प्रत्येक एडमिशन पर एक लैपटॉप देने का लालच देते हैं।
बदमाशों द्वारा कक्षा दस से बारह व अन्य छात्रों का डाटा नाम व मोबाइल नम्बर सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से खरीदते है। ये लोग आईटी यूनिवर्सिटी और इंजिनियरिंग कालेज से फर्जी एमओयू आदि दिखाकर उसका प्रचार प्रसार कर एडमिशन कराने के लिए सहमत करते है तथा इसी के लिए काउंसलिंग फीस व स्कूल फीस के नाम पर उनसे पैसा ट्रान्सफर कराकर अवैध धन अर्जित करते हैं।
उन्होंने बताया कि बदमाशों से सिमों का प्रयोग विभिन्न छात्रों से बात करने के लिए करते है तथा मकसद सिद्ध हो जाने के बाद नम्बरों को प्रयोग बंद कर देते हैं। जिससे कोई इन्हें परेशान न कर सके। उन्होंने बताया कि इनके गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।