Noida: एफडीआरसी में इस साल काउंसलिंग से 199 परिवारों को टूटने से बचाया गया

"नौकरी पेशा दंपति के रिश्तों में दरार के अधिक मामले आए"

Update: 2025-01-27 06:56 GMT

नोएडा: नॉलेज पार्क थाने में पुलिस और शारदा यूनिवर्सिटी के समन्वय से चल रहे फैमिली डिस्प्यूट रिसॉल्यूशन सेंटर (एफडीआरसी) में इस साल काउंसलिंग से 199 परिवारों को टूटने से बचाया गया. इस दौरान नौकरी पेशा दंपति के बीच रिश्तों में दरार के सबसे अधिक मामले आए. इस सेंटर का चौथा स्थापना दिवस मनाया गया.

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने इस मौके पर शारदा यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि यह सेंटर वर्ष 2020 में संचालित किया गया. सेंटर पर पारिवारिक विवाद, घरेलू हिंसा, लिव इन रिलेशनशिप के विवाद को मध्यस्ता से सुलझाया गया. शारदा यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ और पुलिस का संयुक्त पैनल विवादों में काउंसलिग कर रही है. विशेषज्ञों में मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक और कानून विशेषज्ञ उपस्थित रहते हैं. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जीवन में आदमी को कभी हार नहीं माननी चाहिए. एकांकी जीवन कभी सफल नहीं हो सकता. किसी भी रिश्ते को तोड़ना आसान है, लेकिन उसे संजो कर रखना बड़ा मुश्किल है.

मोबाइल बन रही झगड़े की वजह: एफडीआरसी की टीम ने बताया कि केंद्र पर अधिकांश मामले नौकरी पेशा दंपति के बीच विवाद के आ रहे हैं. इनमें किसी हद तक मोबाइल भी जिम्मेदार है. पति-पत्नी एक दूसरे के साथ समय बिताने से ज्यादा मोबाइल पर ध्यान दे रहे, इसके चलते झगड़े हो रहे हैं. डीसीपी महिला सुरक्षा सुनीति सिंह ने कहा कि यह सेंटर टूटे रिश्तों को जोड़ने का काम कर रहा है. हम इसे और बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

प्रदेश में एफडीआरसी मॉडल लागू कराएंगे लक्ष्मी सिंह: पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि नॉलेज पार्क थाने में चल रहे एफडीआरसी के मॉडल को प्रदेश भर में लागू करने पर विचार चल रहा है. इस मॉडल को प्रदेश सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. प्रदेश भर में इस तरह के सेंटर बनाकर टूट रहे परिवारों को बचाने की कोशिश की जाएगी.

बिना केस दर्ज हुए कई मामले सुलझे: शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि एफडीआरसी में मनोवैज्ञानिक और लॉ विभाग अहम भूमिका निभा रहा है. बिना एफआईआर से मामलों को सुलझाना काबिले तारिफ है. साल 2024 में 210 मामले आए, जिनमें 199 मामले का निवारण शारदा विश्वविद्यालय की टीम ने किया. इसकी सफलता 95 प्रतिशत रही. इनमें 11 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई.

चार साल पहले स्थापित इस सेंटर में अब तक 1298 शिकायत मिलीं, इनमें 1078 परिवारों के बीच सुलह कराई गई. वर्ष 2020 में सेंटर पर 119 शिकायत आईं, इनमें 106 परिवारों में सुलह करवाई गई. वर्ष 2021 में 311 में से 274 मामले सुलझाए. वर्ष 2022 में 301 मामलों में से 250 परिवारों में समझौता कराया. 2023 में 357 शिकायतें मिलीं. इनमें 239 परिवारों को टूटने से बचाया गया. 2024 में 210 शिकायतों में से 199 में समझौता करवाया गया.

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